◆ अवध विश्वविद्यालय में हो रही है सेमिनार
अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग एवं इग्नू के तत्वावधान में भारत में कृषि के बदलते आयाम व ग्रामीण विकास विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सोमवार से आरंभ हुआ। नाबार्ड के सहयोग से आयोजित सेमिनार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने कहाकि आईआईटी और आईआईएम के बहुत से छात्र भी कृषि उद्यमिता से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोस के बाराबंकी जिले में मेंथा की खेती होती है। ड्रैगन फ्रूट उगाया जा रहा है। यहां तक कि फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन तक का उपयोग हो रहा है। जल, जंगल और जमीन के बारे में सभी को सोचना होगा। कृषि उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग में प्रबंधन के छात्र भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहाकि थिंक ग्लोबल और वर्क लोकल करना होगा। बाजार की चुनौतियों के समाधान में प्रबंधन संस्थान बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
विवि की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने जैविक खेती को बढ़ावा देने में विद्यार्थियों से भूमिका निभाने का आह्वान किया। खाद और पेस्टीसाइड के उपयोग से भूमि की उर्वरता में कमी आ रही है। इसलिए कृषकों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने में भूमिका निभानी चाहिए। कहा, कृषि को नई तकनीकी से जोड़ना होगा। कई ऐसे कृषि उत्पाद हैं, जिनका दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है, जबकि हमें अब कृषि उत्पादों के निर्यात की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। नाबार्ड के महाप्रबंधक विनोद कुमार विद्यार्थी ने देश में खाद्यान्न उत्पादन की जानकारी दी। कहा, भारत की जीडीपी में उत्तर प्रदेश का आठ प्रतिशत योगदान है। धान, सब्जी और गेहूं उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज ने कहाकि अयोध्या का गुड़ आस्ट्रेलिया तक निर्यात हो रहा है। ऐसे ही अन्य कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में विद्यार्थी भूमिका निभा सकते हैं।
लखनऊ विवि के प्रो. संजय मेधावी ने कहा कि कृषि उद्यमिता में अब अनेक अवसर उपलब्ध हैं। सरकार की कई योजनाएं हैं, जो फाइनेंस भी उपलब्ध कराती हैं। इसलिए विद्यार्थियों को कृषि उद्यमिता से जुड़ना होगा।
कार्यक्रम में अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन किया। विभागाध्यक्ष प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने अतिथियों का स्वागत व इग्नू के क्षेत्रीय सहायक निदेशक डा. कीर्ति विक्रम ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. शैलेंद्र वर्मा ने किया। तकनीकी सत्र में डा. शालिनी सिंह बिसेन, अनिल श्रीवास्तव, अविनाश अपूर्व, संजीव सिंह, पूजा यादव ने अलग-अलग विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।