अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय का 49 वां स्थापना दिवस धूम-धाम के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में सोमवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। इस दौरान विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरूवात मुख्य अतिथि महापौर मंहत गिरीश पति त्रिपाठी, कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल, कुलसचिव डॉ0 अंजनी कुमार मिश्र, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 चयन कुमार मिश्र व परीक्षा नियंत्रक उमानाथ द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया।
महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि हम लोग इतिहास के उस कालखंड में है जब अयोध्या में नया इतिहास बन रहा है। इस समय अवध विश्वविद्यालय भी अपना इतिहास बना रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम विश्वविद्यालय का 49 वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। इस विश्वविद्यालय ने अपनी लंबी यात्रा तय की है यहां के शिक्षा व्यवस्था, यहां की सोच, यहां की संस्कृति, यहां की सामाजिक व्यवस्था में जो विश्वविद्यालय का अनोखा योगदान है, वह अनुपम है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने विश्वविद्यालय के 49वें स्थापना दिवस पर समस्त को बधाई देते हुए कहा कि 04 मार्च, 1975 को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। आज एक बहुत बड़ा बट वृक्ष बन गया है। हम सभी को ज्ञान के इस मन्दिर में छाया प्रदान करने के साथ निरंतर ज्ञान की मशाल हाथ में लिए अज्ञानता के अंधकार को दूर करने का कार्य कर रहा है।
कुलपति ने बताया कि देशभर के 26 विश्वविद्यालयों में छह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के है। उसमें अवध विश्वविद्यालय प्रथम स्थान पर है। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व है। विश्वविद्यालय को नई ऊचाईयों पर ले जाने के लिए सभी को एकजुट व पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा। कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक द्वारा स्वागत एवं विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अद्यतन आख्या प्रस्तुत की गई।
स्वामी विवेकानन्द सभागार में विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यकमों का आयोजन हुआ। सांस्कृतिक कार्यकमों का शुभारम्भ म्यूजिक एवं परफार्मिंग आर्ट्स के छात्र-छात्राओं के समूह गायन गणपति वंदना से की गई। बीए के छात्र द्वारा सोलो डांस महाकाल की थीम पर प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति पर समूचा सभागार तालियों से गूंज उठा।