Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या अवध विवि व एनसीईआरटी के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय कार्यशाला की...

अवध विवि व एनसीईआरटी के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय कार्यशाला की हुई शुरूवात

0

अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ए स्टडी ऑफ इकोनामिक कान्सेप्सन इन इण्डियन नॉलेज सिस्टम विषय पर अर्थशास़्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरूवात हुई।

’श्रीराम का अर्थशास्त्र विषय पर संबोधित करते हुए कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कला एवं मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने बताया कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के बाद हम सभी की और जिम्मेदारी बढ़ गई है। सभी को राम राज्य की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। कार्यशाला में प्रो0 सिन्हा ने बताया कि राम राज्य की स्थापना के लिए जरूरी है कि श्रीराम के अर्थशास्त्र को समझने व उनके अनुरूप ही देश की आर्थिक प्रणाली तथा संरचना का विकास करना है। जो हम सभी के नैतिक एवं निःस्वार्थ भाव व आचरण से ही सम्भव हैं।

कार्यशाला की संयोजक एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली की डॉ0 प्रतिभा कुमारी ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं महत्वपूर्ण तथ्यों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यशाला में संस्कृत विद्वान प्रो0 बाल देवानन्द सागर ने भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर चर्चा करते हुए उसे अंगीकृत करने की बात कही। एनसीईआरटी के प्रो0 प्रमोद दूबे ने बाल्मीकी रामायण एवं रामचरितमानस के प्रसंगो पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में अर्थशास्त्र विभाग के प्रो0 विनोद श्रीवास्तव ने अयोध्या में मंदिर निर्माण से होने वाले लाभों पर विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर किया गया।

इस कार्यशाला में प्रो मृदुला मिश्रा, डॉ मुकेश कुमार वर्मा, डॉ रामानन्द शुक्ला, प्रो मंसा राम, प्रो प्रज्ञा मिश्रा, डॉ वेद प्रकाश मिश्रा, श्री रामलाल विश्रकर्मा, डॉ राकेश कुमार शुक्ल, डॉ अमित मिश्रा, डॉ अलका श्रीवास्तव, कुमार मंगलम सिंह, विजय कुमार शुक्ला सहित संस्कृत भाषा के विद्वान व छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version