अम्बेडकर नगर। पुलिस को भ्रमित कर 19 साल बाद महिला ने सास सहित दो ननदों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न समेत अन्य आरोपों में केस दर्ज करवा दिया। जबकि वास्तविकता कुछ और ही है। यह बात पुलिस को भी पता है लेकिन उच्चाधिकारियों के निर्देश पर केस दर्ज कर लिया गया। मामला टांडा सर्किल के सुलेमपुर का है जहां की निवासी पूनम वर्मा पुत्री अशोक वर्मा ने टांडा शहर निवासी अपने ससुराल जनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इनका कहना है कि शादी वर्ष 2005 में हुई थी तभी से उनकी सास और ननद इन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करती थी। उस समय दोनो ननदों की उम्र वर्ष 2005 में लगभग छः से आठ वर्ष थी। अब इस उम्र की बच्चियों को क्या पता रहेगा कि दहेज क्या होता है। खैर इन सब बिंदुओं पर पुलिस ने जांच पड़ताल भी की थी लेकिन उच्चाधिकारी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज करना पड़ा। चर्चा यह है की 19 साल बाद दहेज उत्पीड़न की बात सामने क्यों आई इसके पहले कभी कोई शिकायत क्यों नहीं हुई।
2011 में पति ने दर्ज कराया था केस
हालांकि पीड़िता के पति की मौत विगत माह सड़क दुर्घटना में हुई है। इसके पति ने वर्ष 2011 में इसके व इसके मायके वालों के विरुद्ध मारपीट के आरोप में टांडा कोतवाली में केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने एक बेटे और बेटी को जन्म दिया। बेटे की 6 साल की उम्र में इसने मारपीट कर हाथ तोड़ दिया था और घर छोड़ कर चली गई अब बेटे की उम्र 17 वर्ष है जो अपनी दादी के साथ रह रहा है।
बेटे का मां पर गंभीर आरोप
बेटे मयंक का कहना है कि उसकी मां पूनम वर्मा ने मारपीट कर संपत्ति हड़पने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस कर रही है आरोपों की जांच
इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दीपक सिंह रघुवंशी ने बताया कि दर्ज मुकदमें में सभी आरोपो की विवेचना चल रही है।