अयोध्या। गुप्तार घाट पर आज एक विशेष आयोजन के तहत देश की सैन्य विरासत को समर्पित दो महत्वपूर्ण प्रतीकों का अनावरण किया गया। सेना कैंटोनमेंट बोर्ड और अयोध्या विकास प्राधिकरण की साझेदारी से हुए इस कार्यक्रम में 1971 के युद्ध नायक फील्ड मार्शल सैम मानेक शॉ की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। साथ ही 1965 और 1971 की लड़ाइयों में प्रयुक्त ऐतिहासिक टी-55 टैंक को भी जनदर्शन के लिए स्थापित किया गया।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि अयोध्या को अब केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाएगा, बल्कि इसे एक पूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां सेना के पराक्रम और बलिदान को भी समान रूप से सम्मान मिले। उन्होंने बताया कि शहर में विभिन्न स्थानों पर ऐसे स्मृति स्थल विकसित किए जा रहे हैं जो आने वाले पर्यटकों को देश की सैन्य शक्ति से परिचित कराएं।
मण्डलायुक्त ने यह भी जोड़ा कि चयनित स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट्स बनाए जा रहे हैं, जिससे युवा वर्ग प्रेरित हो और देशभक्ति का संदेश आगे फैले।डोगरा रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर कुंवर रंजीव सिंह ने बताया कि अब टी-55 टैंक को स्थायी रूप से गुप्तार घाट पर लगाया गया है। यह टैंक भारत की सैन्य शक्ति और इतिहास का जीवंत प्रतीक है, जिसे अब आम नागरिक नजदीक से देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि युवाओं को सेना के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का प्रयास भी है।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने इस आयोजन को गुप्तार घाट के नए स्वरूप की शुरुआत बताया, जो अयोध्या को धार्मिक के साथ-साथ एक सैन्य और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान देगा। इस कार्यक्रम में एसएसपी गौरव ग्रोवर, अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार पांडेय सहित कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।