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सरकार और नागरिकों के मध्य पारदर्शिता एवं विश्वास को मजबूत करता है सूचना का अधिकार कानूनः प्रो0 अशोक राय

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अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के विधि विभाग में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार नियमावली 2015 एवं जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के प्रावधानों पर  कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में विधि संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार राय ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम केवल एक कानून नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो सरकार और नागरिकों के मध्य पारदर्शिता और विश्वास को मजबूत करता है। यह शासन में उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है और भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश अधिरोपित करने में सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का संविधान लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करता है, जिसमें शासन प्रणाली की पारदर्शिता और नागरिकों की भागीदारी अनिवार्य मानी जाती है। लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि नागरिक न केवल शिक्षित हों, बल्कि उनके पास ऐसी पारदर्शी और सटीक जानकारी उपलब्ध हो, जो शासन की प्रक्रिया को समझने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सहायक हो।

       कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह अधिनियम लोकतंत्र को सशक्त बनाने का एक प्रभावी उपकरण है। इससे नागरिक अपने अधिकारों और सरकार की नीतियों की पारदर्शिता को समझने में सक्षम होते हैं। प्रत्येक लोक अधिकारी का निरंतर यह प्रयास होना चाहिए कि वह स्वप्रेरणा से, जनता को नियमित अन्तरालों पर संसूचना के विभिन्न साधनों के माध्यम से, अधिक से अधिक सूचना उपलब्ध कराने के लिए उपाय करें जिससे  जनता को सूचना प्राप्त करने के लिए इस अधिनियम का कम से कम अवलंब लेना पड़े। डॉ. संतोष पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सूचना अधिकार नियमावली ने नागरिकों को सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बना दिया है। यह नियमावली प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाती है और आमजन को सशक्त करती है। डॉ. विवेक ने जनहित गारंटी अधिनियम 2011 पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह अधिनियम सरकारी सेवाओं को समयबद्ध तरीके से प्रदान करने की गारंटी देता है। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार होता है, बल्कि नागरिकों को उनके अधिकारों का समय पर लाभ मिलता है। डॉ. वंदना गुप्ता ने कहा कि इन अधिनियमों का प्रभाव तभी संभव है जब नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और उनका सही तरीके से उपयोग करें। यह जागरूकता शासन व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और नागरिक सहभागिता की अपील के साथ हुआ। इस अवसर पर दिलीप शुक्ला सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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