अम्बेडकर नगर। कक्षाशिक्षण के दरम्यान प्रत्येक विद्यार्थी की निष्पत्ति स्तर पर ध्यान देते हुए अपेक्षाकृत क्लिष्ट विषयों में अधिगम में पिछड़ने वाले विद्यार्थियों की पहचान करते हुए उनको समस्यासमाधन करने के काबिल बनाने के निमित्त शिक्षकों द्वारा की जाने वाली सहायता और गतिविधियाँ उपचारात्मक शिक्षण की आधारशिला हैं।जिनसे विद्यार्थियों के कौशल में वृद्धि के साथ सीखने की क्षमता का विकास होता है।ये उद्गार शिक्षाविद और साहित्यकार डॉ. उदयराज मिश्र ने व्यक्त किये।
ज्ञातव्य है कि नई शिक्षानीति के अंतर्गत कठिन विषयों को सरलतापूर्वक बोधगम्य बनाने व कमजोर विद्यार्थियों या समस्यासमाधान करने में पिछड़ रहे छात्र-छात्राओं की पहचान कर उनकी समस्याओं का पता लगाते हुए शिक्षकों द्वारा दी जाने वाली हरप्रकार की मदद को उपचारात्मक या निदानात्मक शिक्षण कहते हैं।जिस निमित्त शासन द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के लिए प्रत्येक जनपद में पंच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।जिसके क्रम में अम्बेडकर नगर में भी अकबरपुर स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के सभागार में उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह व जिला समन्वयक जितेंद्र पांडेय जे संयुक्त तत्वावधान में तिथि 16 अगस्त से 22 अगस्त तक किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञ प्रशिक्षक के रूप में मूल्यांकन तथा मापन व मूल्यपरक शिक्षा जैसे विषयों पर जानेमाने शिक्षाविद डॉ. उदयराज मिश्र,सड़क सुरक्षा पर सौरभ सिंह,विज्ञान शिक्षण के दौरान उपचारात्मक शिक्षण की प्रविधियों पर अम्बरीष यादव तथा विभा सिंह व आपदा प्रबंधन पर कौशलेंद्र सिंह,सभाजीत वर्मा,महेश लाल आदि विद्वानों ने बारीकियों के साथ प्रशिक्षण प्रदान किया।
प्रशिक्षण सत्र के पांचवें और अंतिम दिन आज दैनिक प्रार्थना, राष्ट्रगान के साथ ही अभिप्रेरणा और उपचारात्मक शिक्षण में सम्बंध पर डॉ .उदयराज मिश्र का सम्बोधन काबिलेतारीफ रहा।अंत में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले सभी शिक्षकों को विभाग द्वारा प्रमाणपत्र वितरित करते हुए जिला समन्वयक जितेंद्र पांडेय ने आभार व्यक्त करते हुए प्रविधियों को दैनिक कक्षाशिक्षण में व्यवहृत किये जाने का सभी शिक्षकों से अनुरोध किया।