अयोध्या। स्कूल स्टूडेंट में बढ़ रहे व्यवहार विकार व भावनात्मक समस्याओं के प्रति जागरूकता व प्रबंधन कौशल विकसित करने के उद्देश्य से शिक्षकों व अभिभावकों के संवेदीकरण हेतु त्रिस्तरीय मनोप्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जाएंगे। जूनियर, मिडल व सीनियर ग्रुप में विभाजित सत्र में शिक्षक व अभिभावक शामिल होंगे जिसकी शुरुवात केंद्रीय विद्यालय से होगी । यह जानकारी जिला चिकित्सालय के मनोपरामर्शदाता डा आलोक मनदर्शन व केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य आर सी पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से दी गयी।
चुनिंदा संस्थों में चलने वाले इस ट्रेनिंग सत्र से शिक्षा गुणवत्ता व व्यक्तित्व परिपक्वता का दोहरा लाभ छात्रों को मिलेगा, वही दूसरी तरफ शिक्षकों मे क्लास रूम प्रबंधन व भावनात्मक बुद्धिमता का विकास होगा । शिक्षकों को बिहेवियरल रिएक्शन व प्रोएक्शन के भेद को सिखाया जायेगा। जिससे उनमें न केवल प्रोफेशनल बर्न आउट कम होगा बल्कि क्लास रूम प्रोडक्टिविटी में भी इज़ाफ़ा होगा। अभिभावकों को भी हेल्थी पेरेंटिंग के टिप्स व ट्रिक्स सिखाये जायेगें जिससे वे ऑटोक्रेटिक व नेगलिजेंट पैरंट्स न होकर डेमोक्रेटिक पेरेंट्स बन सके। व्यवहार प्रबंधन ट्रेनिंग के सत्र से किशोंरों में बढ़ रही आक्रामकता, अमर्यादित व्यवहार, मादक लत, डिजिटल एडिक्शन, जेंडर बेस्ड वायलेंस, एकाग्रता की कमी, टीनएज सेक्सुअल एक्टिविटी, रिस्क बिहेवियर अवसाद, उन्माद, पलायन वादी आत्मघाती या परघाती व्यवहार जैसी समस्याओं पर प्रमुख रूप से फोकस किया जायेगा।