अम्बेडकर नगर। लगभग दो वर्ष पूर्व रहस्यमय ढंग से लापता हुआ अधेड़ नाटकीय ढंग से परिजनों को मिल गया। परिजनों ने इस लापता अधेड़ के अपहरण का आरोप जिले के वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द मिश्र उनके पिता राजकुमार मिश्र और भाई जयहिंद मिश्र को फसाने के लिए लगाया था। परिजनों ने इस सम्बंध में कोतवाली अकबरपुर में अपहरण कर हत्या करने की तहरीर दी थी। परन्तु आरोप निराधार होने के कारण मुकदमा दर्ज नही हो पाया था, जिसके बाद साजिशकर्ताओ ने 156(3) के तहत न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, न्यायालय के आदेश के बाद उक्त मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया था। परन्तु किसी ने सच ही कहा है कि सत्य परेशान हो सकता है परन्तु पराजित नही। इस कहावत को चिरतार्थ करते इस मामले में एक नया मोड़ आ गया , जिसमें परिजनों ने स्वयं पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देते हुए मुकदमा पंजीकृत न करने की बात कही है।
परिजन मनोज कुमार का कहना है कि बड़े पिता जगराम पुत्र स्वर्गीय वंशराज 13 सितंबर सन 2002 के गायब होने की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कोई कार्यवाही ना होने पर मनोज द्वारा 156(3)सीआरपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत करने का आवेदन सीजीएम न्यायालय में दिया गया था। मामले में न्यायालय द्वारा बीते नौ फरवरी को मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया था। मनोज कुमार ने प्रार्थना पत्र में बताया कि उसे पता चला कि उसके बड़े पिता जगराम(50 वर्ष) को लुधियाना ,पंजाब में किसी फैक्ट्री में मजदूरी करते देखा गया है इस परिस्थिति में मुकदमा दर्ज ना किया जाए।
फिलहाल इस पूरे मामले में जिस प्रकार साजिश कर्ताओं द्वारा वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्रा और उनके परिवार को फर्जी फसाने का असफल प्रयास किया गया वो काफी निंदनीय है। परन्तु जैसा कि सर्वविदित है साँच का आंच कहाँ, झूठ का पर्दाफाश एक न एक दिन हो ही जाता है।