Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या ध्यान है मनोस्वास्थ्य का पूरक – डा. मनदर्शन

ध्यान है मनोस्वास्थ्य का पूरक – डा. मनदर्शन

0

अयोध्या। प्रथम विश्व ध्यान दिवस के सर्न्दभ में डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य दुनिया की सबसे प्रमुख समस्याओं में से एक है, क्योंकि हर 45 सेकंड में एक आत्महत्या हो रही है। मनोस्वास्थ्य के लिए ध्यान या मेडिटेशन की जागरूकता व अभ्यास की अहम भूमिका के मद्देनज़र आज 21 दिसंबर को विश्व ध्यान-दिवस की शुरुवात संयुक्त राष्ट्रसंघ ने की है।

डा आलोक मनदर्शन

ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे मन-मस्तिष्क को शांति मिलती है और मनोशारीरिक स्वास्थ्य का संचार होता है। विभिन्न मनोदशाएं विभिन्न आवृत्ति की मनोतरंग पैदा करती है। इन तरंगो की रिकॉर्डिंग  से  मनः स्थिति का पता चलता है जिसे ब्रेन-वेव रिकॉर्डिंग या इलेक्ट्रो-इनसिफैलोग्राम या ब्रेन-मैपिंग भी कहा जाता है । मनोचिकित्सा में चार तरह के ब्रेन-वेव संदर्भित  है,जिसे  बीटा ,अल्फा, थीटा व डेल्टा  नाम से जाना जाता है। बेटा-वेव सबसे अधिक फ्रिक्वेंसी   की होती है,जो तनाव की मनोदशा तथा अल्फा वेव मध्यम फ्रिक्वेंसी की होती है, जो सामान्य अवस्था को प्रदर्शित करती है । अल्प-ध्यान की अवस्था में  थीटा तरंग मिलती जो कि निद्राचक्र के स्वप्न-समय मे भी दिखती है। गहन-ध्यान या डीप-मेडिटेशन की अवस्था में सबसे धीमी ब्रेन-वेव डेल्टा मिलती है जो कि गहरी निद्रा की भी अवस्था होती है। इस प्रकार गहरी – निद्रा व गहन-ध्यान की अवस्था को एक दूसरे का पूरक कहा जाता है। विश्व ध्यान दिवस, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के ठीक छह महीने बाद मनाया जा रहा है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version