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सेक्सुअली एक्टिव किशोर व युवाओं में बढ़ रही है एचआईवी फोबिया : डा. आलोक मनदर्शन

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◆ 40 फीसदी से ज्यादा किशोर व नवयुवक हैं सेक्सुअली एक्टिव


अयोध्या। जिला चिकित्सालय के किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डा आलोक मनदर्शन ने विश्व एड्स दिवस पर शोधपरक जानकारी देते हुए बताया कि 19 वर्ष से कम उम्र के 40 प्रतिशत टीनेजर्स सेक्सुअली एक्टिव हैं। किशोर सेक्सुअल एक्टिविटी में असुरक्षित यौन सम्बन्धों की अधिकता होने के कारण एचआईवी संक्रमित होने का भय या एच आई वी फोबिया बने रहने के कारण बार बार एचआईवी परीक्षण कराने को बाध्य हो जाते हैं। इस द्वन्द भरी मनोदशा में मानसिक ऊर्जा क्षीण होने के कारण इसका दुष्प्रभाव पढ़ाई लिखाई, व्यक्तित्व विकास, व अन्य रचनात्मक व कैरियर निर्माण के क्रिया कलापों पर पड़ता है। एचआईवी फोबिया से ग्रसित टीनेजर में तनाव, हताशा व एचआईवी के लक्षणों को इण्टरनेट पर सर्च करने की विवशता भी दिखायी पड़ती है। एचआईवी फोबिया ग्रसित अवसाद व तनाव से छदम् शकून् पाने के लिए ये लोग विभिन्न अन्य नशों का भी सहारा लेने लगते हैं।


मनोगतिकिया विश्लेषण : डॉ आलोक मनदर्शन के अनुसार टीनेजर्स में तर्क संगत सोचने व मनोसंयम के लिए उत्तरदायी मस्तिष्क के हिस्से सेरेब्रम् का विकास धीमा तथा कामोत्तेजना व भावोत्तेजना का केन्द्र अमिगडाला ग्रन्थि की अति सक्रियता बढ़ती किशोर यौन सक्रियता के लिए जिम्मेदार है। दूसरी तरफ एचआईवी संक्रमण का डर से सुकुन पाने के लिए बार-बार एचआईवी जांच करवाने की मनोआसक्ति में फसते चले जाते हैं।


 बचाव : स्वस्थ मनोरंजक गतिविधियों तथा खेलकूद व अन्य रचनात्मक क्रियाओें को बढ़ावा  देना चाहिए, जिससे कि  हैप्पी हार्मोन  सेरोटोनिन व डोपामिन का सकारात्मक संवर्धन हो सके जिससे कि द्वन्द रहित मन से अपने कैरियर पर फोकस कर सके। आवश्यकता महसूस होने पर निःसंकोच मन से मनो परामरामर्श अवश्य लें ।

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