Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या अच्छी नींद से स्ट्रेस होता है डिलीट – डा. मनदर्शन

अच्छी नींद से स्ट्रेस होता है डिलीट – डा. मनदर्शन

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अयोध्या। रोजमर्रा के तनाव में कार्यस्थल तनाव  अहम स्थान रखता है। इनमे प्रमुख  है रोल-ओवरलोड या कार्य की अधिकता, रोल-रस्टिंग या क्षमता से नीचे का कार्य, रोल- इनकम्पीटेंसी यानि क्षमता से बड़ी भूमिका, रोल- स्टैगनेन्सी यानी लम्बे समय एक ही भूमिका मे  होना तथा रोल-एम्बीगुटी यानि भूमिका का स्पष्ट ना होना। तनाव बढ़ने पर आत्मविश्वास व कार्य क्षमता में भी गिरावट होती रहती है। इसके हाई रिस्क में एंक्सियस या ए टाइप पर्सनालिटी के लोग होते हैं। स्ट्रेस बढ़ जाने पर बेचैनी, घबराहट,अनिद्रा, ,चिड़चिड़ापन, सरदर्द, काम में मन न लगता, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण भी आ सकतें है।

ध्यान या मेडीटेशन ऐसी प्रक्रिया है जिससे ब्रेन की बैटरी रिचार्ज होती है और रोजमर्रा के स्ट्रेस डेलीट होते हैँ। विभिन्न मनोदशाएं विभिन्न आवृत्ति की मनोतरंग पैदा करती है। इन तरंगो की रिकॉर्डिंग  से  मनः स्थिति का पता चलता है जिसे ब्रेन-वेव रिकॉर्डिंग या इलेक्ट्रो-इनसिफैलोग्राफ या ब्रेन-मैपिंग भी कहा जाता है । मनोचिकित्सा में चार तरह के ब्रेन-वेव संदर्भित है, जिसे बीटा, अल्फा, थीटा व डेल्टा नाम से जाना जाता है। बेटा-वेव सबसे अधिक फ्रिक्वेंसी   की होती है,जो तनाव की मनोदशा तथा अल्फा वेव मध्यम फ्रिक्वेंसी की होती है, जो सामान्य अवस्था को प्रदर्शित करती है । अल्प-ध्यान की अवस्था में  थीटा तरंग मिलती जो च् निद्राचक्र के स्वप्न-समय मे भी दिखती है। गहन-ध्यान या डीप-मेडिटेशन की अवस्था में सबसे धीमी ब्रेन-वेव डेल्टा मिलती है जो कि गहरी निद्रा की भी अवस्था होती है। इस प्रकार गहरी-निद्रा व गहन-ध्यान की अवस्था को एक दूसरे का पूरक कहा जाता है।यह बातें टाइनी टॉट्स सीनियर सेकेन्डरी स्कूल में आयोजित वर्क-प्लेस स्ट्रेस  कोपिंग मैकेनिज्म कार्यशाला में डा आलोक मनदर्शन ने कही। अध्यक्षता प्रिंसिपल अजय कुमार तथा संयोजन सुष्मिता दीक्षित ने किया।

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