अयोध्या । पवित्र नगरी अयोध्या अब केवल श्रद्धा और आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि जल प्रबंधन की दिशा में भी देश को दिशा दिखा रही है। नलसेजल मिशन के क्रियान्वयन और अभियंताओं को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रीयसेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए नगर निकायों के इंजीनियरों ने भाग लिया। पंचशीलहोटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन अमृत 2.0 योजना की निदेशक डी. थारा, भारत सरकार की संयुक्त सचिव ईशाकालिया, और नगरआयुक्तजयेंद्रकुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम के मुख्यअतिथिमहापौरमहंतगिरीशपतित्रिपाठी ने ने बताया कि नगर में 90 सेअधिकवॉटरकियोस्क लगाए गए हैं और छहवार्डोंमें 24 घंटेजलआपूर्ति की परियोजना पर काम हो रहा है। दो वार्डों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। नगरआयुक्तजयेंद्रकुमार ने कहा कि शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना किसी भी नगर के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यदि अभियंता ईमानदारी और मेहनत से कार्य करें, तो यह लक्ष्य दूर नहीं। कार्यक्रम को उत्तरप्रदेशजलनिगमनगरीयकेप्रबंधनिदेशकडॉ. रमाकांतपांडेय, हाउसिंगएवंअर्बनअफेयरमंत्रालयकेउपसलाहकारडॉ. रमाकांत, तथा ASCI हैदराबादकीअसिस्टेंटप्रोफेसरडॉ. एम. स्नेहलता ने संबोधित किया। वक्ताओं ने अमृत 2.0 योजना को लागतनियंत्रण और चरणबद्धक्रियान्वयन के जरिए अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
नगरनिगमकेजनसंपर्कअधिकारीमुकेशकुमारपांडेय ने बताया कि अभियंताओं को अवधपुरीवार्ड का भ्रमण कराया गया, जहां नल से जल परियोजना सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है। अभियंताओं ने घर-घर जल आपूर्ति की तकनीक और ऑनलाइनकंट्रोलरूममॉनिटरिंगसिस्टम का अध्ययन किया।