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इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध करार देने के कारण लगाया गया था आपात काल

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◆ राजनारायण की ही याचिका पर रद्द हुआ था इंदिरा गांधी का चुनाव


◆ छः साल के लिए चुनाव लड़ने के हुई थीं अयोग्य घोषित


अयोध्या। वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से चुनाव लड़ रही प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी के खिलाफ प्रख्यात समाजवादी नेता राजनारायण चुनाव लड़े थे। गलत हठकंडे अपनाकर चुनाव जीती इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध करार देने के लिए राजनारायन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्याय मूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने इसी याचिका पर बारह जून 1975 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इंदिरागांधी का न केवल चुनाव रद्द कर दिया था बल्कि आने वाले छः साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक भी लगा दी थी।

                        उस समय देश में बाबू जयप्रकाश नारायन की अगुवाई में सम्पूर्ण कांति का नारा हिलोरे मार रहा था। गैर कांग्रेसी दलों के कार्यकर्ता, छात्र समाजिक संगठनांे के लोग जेपी की अगुवाई में व्यवस्था परिवर्तन की मांग को लेकर आन्दोलन छेड़ रखा था जो दिनों दिन बढ़ता जा रहा था। 12 जून के ऐतिहासिक फैसले ने आग में घी का काम किया। पूरा आन्दोलन इंदिरा गांधी गद्दी छोड़ों के नारें में परिवर्ततित हो गया। देश व्यापी बढ़ते जनाक्रोश के बीच इंदिरा गांधी ने न्यायालय के फैसले के बाउजूद कुर्सी नहीं छोड़ी बल्कि आपातकाल लागू कर गैर कांग्रेसियों को जेल भेजने और यातनाएं देने का फरमान जारी कर दिया।

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