आलापुर अंबेडकर नगर। जिले में बहुत से विद्यालय जो अपनी पढ़ाई लिखाई और रैंक को दिखाकर वाहवाही लूट रहे हैं। यह विद्यालय अपनी आय बढ़ाने के लिए सड़कों पर स्कूली वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाने का काम करते हैं। यह सब कोई एक विद्यालय का काम नहीं है जिले के ज्यादातर विद्यालय और नामी विद्यालय तो और भी ज्यादा काम करते हैं , लेकिन शासन प्रशासन की नजर उस पर नहीं पड़ती। सवाल यह उठता है कि सड़क पर चलने वाले दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन चालकों पर यातायात के नियमों की अवहेलना करने पर कार्यवाही करते रहते हैं लेकिन उनकी नजर कभी इन क्षमता से अधिक स्कूली छात्रों को बैठाकर चलने वाले वाहनों पर नहीं जाती है।
बस और टैक्सी में तो कुछ बात भी समझ में आ जाती है लेकिन आए दिन जिस तरीके से सड़क पर ई रिक्शा थ्री व्हीलर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं । इन सब देखने के बावजूद भी सड़कों पर जरूरत से ज्यादा बच्चों को ई रिक्शा में भरकर ले जाया जाता है। शनिवार को जहांगीरगंज में एक ई रिक्शा देखा गया जिसमें तकरीबन 15 बच्चे बैठे थे ई रिक्शा चालक से पूछने पर उसने अपने स्कूल का नाम तो नहीं बताया लेकिन सवाल यह उठता है कि ठीक चौक से जाने पर क्या आगे जहागीरगंज थाने का उसको भय नहीं है। अभिभावक भी दे ध्यान कि ऐसे में कोई भी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजते समय ऐसे स्कूलों में ही भेजे जिसमें क्षमता के अनुसार ही बच्चे जाते हो। ऐसे वाहन में अपने बच्चों के जान को जोखिम में ना डालें जिसमें जरूरत से ज्यादा बच्चे लाए और पहुंचाए जाते हैं, क्योंकि दुर्घटना होने में देर नहीं लगती है दुर्घटना हो जाने पर आपके घर का ही कोई बेटी बेटा ही चोटिल होगा या कल कवलित होगा। आलापुर, जलालपुर, रामनगर, बसखारी ,जहांगीरगंज, राजेसुल्तानपुर सहित दर्जनों नामी विद्यालय में ऐसे वाहन चलाए जा रहे हैं जिनमें बच्चों की संख्या से दोगुनी करके वाहनों में लाए और पहुंचाए जाते हैं। इस विषय में जब उप संभागीय परिवहन अधिकारी वी डी मिश्रा से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।