अंबेडकर नगर । अपने हुनर पर कभी नाज़ मत करना जिज्ञासु । यह दुनिया है बड़े बड़ों को भूल जाती है ।। चर्चित कवि व मंच संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु का यह शेर ज़िंदगी की हक़ीक़त को बयां करते नज़र आ रहा है । पेशे से शिक्षक डॉ० जिज्ञासु शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ कविता और साहित्य के प्रति अच्छी शौक रखते हैं । ऑनलाइन व ऑफलाइन कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ के साथ-साथ अक्सर संचालक की भूमिका का निर्वहन करते हैं । हाल ही में राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित अखिल भारतीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन में जिज्ञासु ने प्रभु श्री राम के अयोध्या आगमन विषय पर उत्कृष्ट काव्य पाठ के साथ-साथ उत्कृष्ट संचालन को अंजाम दिया । परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा डॉ० जिज्ञासु को श्री राम भक्त एवं श्रेष्ठ संचालक सम्मान पत्र से विभूषित किया गया है । जिज्ञासु के सम्मान पर शिक्षकों कवियों एवं साहित्यकारों ने बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की ।