◆ कल्पवास में जाने से पहले साई लक्ष्मी देवी ने अयोध्या में किया दर्शन पूजन
◆ अमेरिका से आई महिला संत का महापौर ने किया स्वागत
अयोध्या। पूरी दुनिया उत्सुकता, उत्साह, उमंग के साथ अयोध्या को देख रही है। अयोध्या नगरी का वैभव केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह नगरी भारतीय संस्कृति और धर्म का अद्वितीय उदाहरण है। जगद्गुरु भक्तिमयी मीरा बाई की उपाधि से सम्मानित जगद्गुरु साई लक्ष्मी देवी ने सिविल लाइन बंगला नम्बर महापौर कैम्प कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जगद्गुरु एवं महामंडलेश्वर होने के नाते राम मंदिर की स्थापना के दिन से ही यहां आकर दर्शन पूजन करने की इच्छा और महत्वाकांक्षा थी। लेकिन उसके अतिरिक्त मुझे मेरे आराध्य प्रभु श्री राम की नगरी के बदले हुए रूप को देखने की भी तीव्र इच्छा थी। उन्होंने कहा कि धर्म प्रचार में मेरा काफी समय विदेश में बीतने के कारण प्रभु श्रीराम के दर्शन से इतने दिनों तक वंचित रही। लेकिन महाकुम्भ मेला में कल्पवास के लिए जाने से पहले अयोध्या प्रभु राम के चरणों में शीश झुकाने का सौभाग्य मिला।
उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में अयोध्यानगरी धन-धान्य से परिपूर्ण थी, समृद्धि के शिखर पर थी, और आनंद से भरी हुई थी। अयोध्या में विज्ञान और वैराग्य के साथ, उसका वैभव भी शिखर पर था। उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास के लिए हमेशा तत्पर हैं। और उन्हें अयोध्या के विकास के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहयोग और आशीर्वाद भी मिल रहा है।
महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि अमेरिका से आई महिला संत का स्वागत करते हुए हर्ष हो रहा है। वे अमेरिका, जापान सहित कई यूरोपीय देशों में सनातन के प्रचार-प्रसार में कई वर्षों से लगी हुई है। इनकी प्रेरणा से काफी संख्या में विदेशी धर्मावलम्बी हिन्दू धर्म में शामिल होकर सनातन के ध्वजावाहक बन कर उसे आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।