जलालपुर अंबेडकर नगर। जलालपुर नगर पालिका अपने कारनामो के चलते एक बार फिर सुर्खियों मे आ गया है, जहां अभी तक भ्रष्टाचार के चलते सुर्खियों मे रहता था वही अब पुनः आचार संहिता का धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेते ठेकेदार को करोड़ों रूपए का टेंडर देने का मामला सामने आया है। सेवानिवृत्ति अधिशासी अधिकारी के विरुद्ध जिलाधिकारी द्वारा कार्यवाही का आदेश देने के बाद जहां कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल है वही सेवानिवृत अधिशासी अधिकारी कार्यालय के ऊपर बने आवास में बचाव के जुगत मे लगे रहे।गुरुवार प्रातः तहसीलदार जब जानकारी करने आए तो सेवानिवृत अधिशासी अधिकारी भाग निकले जो चर्चा का विषय बन गया है।जिलाधिकारी के आदेश पर प्रभारी लिपिक से निविदा से संबंधित सभी दस्तावेज लेकर मुख्यालय गए अब देखना यह होगा की जिलाधिकारी द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जाती है।
प्रकरण नगर पालिका जलालपुर का है। विदित हो कि चार माह पहले जलालपुर नगर को जगमग करने के लिए बिजली खंभों ,फ्लैशलाइट आदि का निविदा निकाला गया था। निविदा में कमी की वजह से जिलाधिकारी ने इसे निरस्त कर दिया था।इसके एक पखवारा बाद की गई टेंडर में ओटीपी लेट मिलने की वजह से इससे संबंधित एक कर्मचारी को निलंबित भी कर दिया गया था।उसी दिन ओटीपी मिलने के बाद टेंडर हो गया ।अपने चहेते ठेकेदार को टेंडर दे भी दिया गया, किंतु शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने उसे भी निरस्त कर दिया था। 30 मार्च को सेवानिवृत और विदाई होने के पश्चात अधिशासी अधिकारी यदुनाथ ने देर रात एक करोड़ 99 लाख रुपए का टेंडर अपने चहेते ठेकेदार के नाम कर दिया। अचार संहिता लगने के बाद किए गए इस टेंडर को जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया और पत्रवाली के साथ सेवानिवृत अधिशासी अधिकारी को तलब कर लिया। गुरुवार को टेंडर से संबंधित सभी फाइल वरिष्ठ लिपिक राम प्रकाश जिला मुख्यालय लेकर गए है।
सेवानिवृत होने के बाद सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने घर चले जाते है। नगरपालिका के दो कर्मी सेवानिवृत होने के बाद कार्यालय का मोह नहीं छोड़ पा रहे है। अधिशासी अधिकारी यदुनाथ तो अपने वाहन से आवास में सभी घरेलू सामान जहां छोड़ कर भाग गए ।
चर्चा है कि अधिशासी अधिकारी का करीबी ठेकेदार हरदोई निवासी कमल वर्मा एक करोड़ 99 लाख रुपए के टेंडर को अपने फर्म के नाम करने के लिए 10 लाख रुपए पर तय हुआ था। जानकारो की माने तो टेंडर अब निरस्त नही होगा चुनाव बाद ठेकेदार अपना कार्य प्रारंभ कर देगा। जांच का जिम्मा जलालपुर उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह को सौपा गया है जिनके रिपोर्ट के बाद अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।