अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय में डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन अयोध्या एवं व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग के तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद की 163 वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि आईईटी के निदेशक व मुख्य नियंता प्रो. संत शरण मिश्र, विशिष्ट अतिथि, प्रो. आशुतोष सिंह, साकेत महाविद्यालय अयोध्या, प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा व डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन अयोध्या के संचालक डॉ. अनुराग तिवारी द्वारा विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. संत शरण मिश्र ने स्वामी विवेकानंद जी के सितम्बर 1993 में शिकागो सम्मेलन में दिए गए संबोधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए, यह केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि हर युवा के लिए जीवन जीने का मंत्र हैं। प्रो0 मिश्र ने कहा कि विवेकानंद जी युवाओं को आत्मविश्वास और परिश्रम के माध्यम से अपने जीवन को उत्कृष्ट बनाने की प्रेरणा दी है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. आशुतोष सिंह ने वर्तमान समय में युवाओं की शक्ति और भूमिका पर प्रकाश डाला। युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आप सभी युवा केवल देश का भविष्य ही नहीं, बल्कि वर्तमान भी हैं। आपके हाथों में यह शक्ति है कि आप इस देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा कि स्वामी जी का मानना था कि शिक्षा केवल बौद्धिक ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। यह चरित्र निर्माण, आत्मनिर्भरता और समाज सेवा का माध्यम भी होनी चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनुराग तिवारी ने बताया कि स्वामी जी के विचार सभी जाति धर्मों के लिए प्रसांगिक है। कार्यक्रम में डॉ. अंशुमान पाठक द्वारा अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संचालन कृतिका रस्तोगी एवं अस्मिता तिवारी ने किया। इस अवसर पर डॉ. कपिल देव, डॉ. अंशुमान पाठक, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. आशुतोष पाण्डेय, डॉ. संजीत पाण्डेय, डॉ. श्रीश अस्थाना, डॉ. राम जी सिंह, डॉ. श्याम श्रीवास्तव, आदित्य पाण्डेय एव छात्र-छात्राएं मौजूद रही।