अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में शुक्रवार को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान को संबोधित करते हुए एमसीजे समन्वयक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान समय की पत्रकारिता तेजी से बदल रही है। वैश्विक स्तर पर इसकी छाप भी दिखाई दे रही है। पत्रकारिता के लिए स्वतंत्रता आवश्यक है जिससे निष्पक्षता के साथ समाज का मार्ग दर्शक बन सके। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता के समक्ष कई चुनौतियां भी है। सत्तासीन सरकारों के प्रभाव का सामना पत्रकारिता को करना पड़ रहा है। फिर भी पत्रकारिता अपना कार्य कर रही है।
विभाग के शिक्षक डॉ आरएन पाण्डेय ने कहा कि आज का दिवस स्वतंत्र प्रेस के महत्व पर प्रकाश डालता है। दुनिया भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है। पत्रकारों के समक्ष आने वाली सेसंरशिप, हिंसा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध सहित चुनौतियां पर भी प्रकाश डालता है। पत्रकारिता समग्र समाज की मागदर्शिका है। इसकी साख बनाये रखना जरूरी है। कार्यक्रम में डॉ अनिल कुमार विश्वा ने कहा कि यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन की सिफारिश के बाद 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया। 3 मई सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। यह प्रेस की स्वतंत्रता नैतिकता के मुद्दों पर मीडिया कर्मियों के बीच चिन्तन का भी अवसर है। इसी क्रम में छात्र-छात्राओं में तन्या सिंह, कामिनी चैरसिया, कल्पना पाण्डेय, ग्रेसी यादव, अनुश्री यादव, श्रेया श्रीवास्तव, सुधांशु शुक्ल, अक्स पाण्डेय ने भी विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन छात्रा तन्या ने किया।