अयोध्या। अयोध्या से विगत प़ांच अक्टूबर को श्रीमणि रामदास जी की छावनी से प्रारंभ होकर 60 दिनों में भारत एवं नेपाल होकर महामंडलेश्वर श्रीशक्ति शांतानंद महर्षि के संयोजन में तीस नवंबर को श्रीराम की दिग्विजय रथयात्रा अयोध्या वापस पंहुची।
ऐतिहासिक यात्रा में सम्मलित संत धर्माचार्यों व भक्तों ने एक दर्जन वाहन व रथ के साथ प्रातः रामकोट की परिक्रमा कर रामराज्य की पुनर्स्थापना और सामाजिक समन्वय के साथ ही राष्ट्र की एकता अखंडता के लिये रामलला से प्रार्थना की।
केरल के प्रसिद्ध संत शक्ति शान्तानंद के मार्गदर्शन और संयोजन में श्रीराम की दिग्विजय रथयात्रा संपूर्ण भारतवर्ष के सताइस राज्यों में सामाजिक समन्वय और राष्ट्रीय एकता,समता को बल प्रदान करने के उद्देश्य को लेकर प्रारंभ हुई थी।
शुक्रवार को मणिराम दास जी छावनी के राम कथा मंडप परिसर से प्रातः रामकोट परिक्रमा के लिये प्रारंभ हुई यात्रा का नयाघाट, श्रृंग़ारहाट ,हनुमान गढी, बिड़ला धर्मशाला, टेढ़ीबाजार, असर्फी भवन ,मतगजेन्द्र,पोस्ट आफिस तिराहे पर स्थानीये रामभक्तों संत धर्माचार्यों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
इस दौरान यात्रा आयोजन समिति सदस्य शरद शर्मा, पार्षद पुजारी रमेश दास,नागा अर्जुन दास,भाजपा नेता गिरीशपति त्रिपाठी, छोटे पांडेय, डां सी बी सिंह,संत विमलकृष्ण दास,संत दिवाकराचार्य, दीपक शास्त्री,सुरेश स्वामी,प्रदिप्त जी, डां रमेन्द्र द्विवेदी, अनिरुद्ध तिवारी,महंत कृपालु महाराज आदि समलित हुऐ। यात्रा का समापन शनिवार को गीताजयंती तीन दिसंबर को आयोजित यज्ञ के साथ होगा। इस दौरान अनेक संत धर्माचार्य संत महंत तथा राम भक्त उपस्थित रहेंगे।