◆ कहा पुर्नवास में लग सकता है दो चार महीनें का समय
◆ अयोध्या को दुनिया की सर्वोत्तम नगरी बनाने को लेकर किया बैठक
अयोध्या। जीआईसी में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौड़ीकरण में प्रभावित व्यापारियों को आश्वासन दिया कि उनका पुर्नवास भी होगा और मुआवजा भी दिलायेंगे। कोई उनका शोषण नहीं कर पायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के विकास कार्यो के लिए अयोध्यावासियों द्वारा किया गया सहयोग अभिनन्दनीय है। हर मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है। हो सकता है कि मार्ग निर्माण के समय कुछ व्यापारियों को हटना पड़े। लेकिन आपको आश्वासन देने के लिए आया हूं। हर व्यापारी का पुर्नवास भी करेंगे।
उसको कम्पलसेशन भी दिलायेंगे। कोई उनका शोषण नहीं कर पायेगा। मै आपको आश्वस्त करता हूं कि जो पुर्नवास का कार्य होगा उसमे दो चार महीने लग सकता है। परन्तु चार महीने का विश्राम आपको एक सुरक्षित पुर्नवास से जोड़ेगा तो आपका बिजनेस कई गुना बढ़ेगा। आने वाले समय में अयोध्या में जिस तरह से यात्रियों की संख्या बढ़ने जा रही है। पयर्टकों की संख्या बढ़ने की जा रही है।
अयोध्या सात पुरियों प्रथम नगरी है यह भगवान राम कीजन्मभूमि है। पांच सौ वर्षो का अंधकार समाप्त करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यहां राममंदिर का निर्माण हो रहा है। अयोध्या को दुनिया की सर्वोत्तम नगरी कैसे बनाया जाय उसके लिए यहां पर मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठकर विचार किया गया। अयोध्या में तीस हजार करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी है।
अयोध्या का धार्मिक व आध्यात्मिक नगरी के साथ भौतिक रुप में विकास किया जा रहा है। भारत दुनिया की बड़ी ताकत बनने की ओर अग्रसर है। 15 अगस्त 2022 के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद मनाये गये जश्न के बारे में हममें से कई को पता नहीं होगा परन्तु आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हर घर में तिरंगा फहराया गया।
जिस ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षो तक राज किया उस ब्रिटेन को पछाड़कर भारत आज दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गयी है। दुनिया के बीस बड़े देश जिनके पास दुनिया का 80 प्रतिशत संसाधन है आने वाले वर्षो में उनका नेतृत्व भारत करेगा। 2047 में कैसा भारत, उत्तर प्रदेश और अयोध्या चाहिए इस बात को लेकर अयोध्या आया हूं।
समाज के चिकित्सक, उद्यमी, अधिवक्ता समेत सभी प्रबुद्ध को आज इसी लिए आमंत्रित किया गया है। जब मनुष्य अपने कर्तव्यों का पालन न करके दूसरों को पाठ पढ़ाने लगता है तो वहीं से विवाद की शुरुवात होती है।