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बैसिंग गोशाला कैसे बने पयर्टन स्थल, इसको लेकर कार्य करने का मण्डलायुक्त ने दिया निर्देश

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अयोध्या । मंडलायुक्त गौरव दयाल ने नगर निगम द्वारा संचालित कान्हा उपवनबैसिंह का निरीक्षण किया। मंडलायुक्त ने सर्वप्रथम गौशाला परिसर में लगे लाइट के खंभों को तथा परिसर में लगी टूटी फूटी इंटर लॉकिंग ईट को तत्काल दुरुस्त करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्रय स्थल में बॉस के पेड़ जो जल्दी विकसित हो जाते है उसको लगाने का निर्देश दिया।
उन्होंने गौवंशो हेतु चारे की उपलब्धता आदि की जानकारी प्राप्त की तथा निराश्रित गौ आश्रय स्थल/कान्हा उपवन को बेहतर ढंग से संचालित कराने के निर्देश दिये। मंडलायुक्त ने गौशाला में वर्तमान में बीमार जानवरो के बारे जानकारी प्राप्त की तथा उन्हें बेहतर इलाज मुहैया करवाने के लिए कहा तथा गौशाला हेतु एक डेडिकेटेड पशुचिकित्सक नियुक्त करवाने हेतु शासन से पत्राचार करने के निर्देश दिए। इस दौरान मंडलायुक्त ने गोबर का बेहतर उपयोग कर आय का भी सृजन करने हेतु गोबर से लकड़ी/कन्डे बनाने की मशीन को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु अपर नगर आयुक्तों को निर्देशित किया। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त ने बताया कि गोबर को बेहतर रूप से प्रयोग का आय सृजन के दृष्टिगत एक मशीन शीघ्र क्रियाशील होगी जो एक घंटे में 15 कुन्तल लकड़ी/कन्डा बना सकेगी। इसी के साथ ही गोबर से गमले, दीया आदि बनाने की मशीनों को इंस्टाल किया जायेगा जिसके लिए शेड का निर्माण किया जा रहा है । इसी के साथ ही अपर नगर आयुक्त ने बताया कि यहां के गोबर का प्रयोग वर्तमान में नगर निगम के पार्को में किया जा रहा है।
मंडलायुक्त ने गौशाला परिसर में कान्हा बाल सखा शाला (छोटे बछड़े/बछिया हेतु) नंदी शाला (नर गौवंशों हेतु), गौशाला (मादा गौवंशों हेतु), आइसोलेशल क्षेत्र आदि का निरीक्षण किया जिसमें निर्मित नादों की फिनिशिंग अच्छी नही होने पर असंतोष व्यक्त किया तथा तत्काल अच्छी कार्यकुशलता के साथ सही करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गौशाला में गोवंश हेतु हरे चारे के लिए आसपास के राजस्व गांव में ग्राम समाज की ऐसी भूमि तलाशे जिस पर गौवंशो के हरे चारे उगाए जा सके। मंडलायुक्त ने कान्हा उपवन परिसर में बन रहे एनीमल बर्थ कन्ट्रोल हास्पिटल का निरीक्षण किया उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्यो की फिनिशिंग अच्छी कार्यकुशलता के साथ बेहतर ढंग से करें। सभी निर्माण कार्यों का शिल्पकर्म अच्छा होना चाहिए
इस अवसर पर मंडलायुक्त ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को कान्हा उपवन को एक आदर्श उपवन/निराश्रित गौ आश्रय स्थल तथा एक पर्यटक स्थल के रूप में कैसे इसे विकसित किया जा सकता है इसको ध्यान में रखकर कार्य करने के निर्देश दिए । इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त नगर निगम अयोध्या सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
इसके पश्चात मंडलायुक्त ने राम घाट अयोध्या में पूर्व स्थापित 12 एमएलडी एसटीपी में अतिरिक्त 6 एमएलडी एसटीपी क्षमता विस्तार के कार्यों का निरीक्षण किया।उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से एसटीपी के कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि निर्माणाधीन शेष कार्य फरवरी अंत तक पूर्ण कर लिए जाएंगे निरीक्षण के दौरान जल निगम के संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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