Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या जमीनी विवाद बन रहा है खूनी संघर्ष का कारण, जिम्मेदार कौन

जमीनी विवाद बन रहा है खूनी संघर्ष का कारण, जिम्मेदार कौन

0

◆ एक हफ्ते में हुई तीन लोगों की हत्या


अयोध्या। जमीनी विवाद जिले में खूनी संघर्ष का कारण बन रहा है। राजस्व विभाग की कार्यशैली हमेशा विवादों में रहती है। पुलिस विभाग में घटना के बाद नामजद अभियुक्तों को पकड़ कर अपने कर्तव्यों की इति श्री कर लेता है। जबकि शासन जमीनी विवाद को लेकर काफी सख्त है। सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को चेतावनी दी है कि अगर जमीनी विवाद में घटनाएं होंगी, तो संबंधित जिले के तहसील अफसर सीधे जिम्मेदार होंगे। लेकिन लचीली व्यवस्थाओं के चलते विवाद सुलझते नही हैं और खूनी संघर्ष का रूप ले लेतें हैं। भूमि विवाद में सरकार के कई विभागों से संबधित होता है। राजस्वए चकबंदीए शांति व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग व अन्य सम्बंधित विभाग। इन विभागों द्वारा की कारवाई कई बार गुणवत्ता से परे रहती है। जिससे विवाद गहरा जाता है। राजस्व विभाग में लम्बित पैमाइश के मामलों के कारण विवाद समाप्त नही हो पाता है।


एक हफ्ते में हुई दो वारदात, तीन लोगों की गई जान


केस नं. 1 – कोतवाली बीकापुर के वार्ड नंबर 11, सुगन राय का पुरवा, पटेल नगर में 22 वर्षीय युवक दिनेश वर्मा की 2/3 जून की रात में सोते समय उसके सगे चाचा अशोक वर्मा द्वारा गड़ासे से वार कर हत्या कर दी जाती है। मामले में आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। यहां पिता की मृत्यु के बाद भूमि बंटवारे को लेकर दो भाईयों की बीच आठ सालों से विवाद चल रहा था। जिसका निस्तारण नही हो सका।

केस नं. 2 – 5 जून को 10 बिस्वा जमीन के विवाद में मां तथा पुत्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मामला खंडासा थाना क्षेत्र के महुआ पूरे फौजदार गांव का है। जिसका केस तहसील में चल रहा है। निस्तारण न होने के कारण विवाद ने खूनी रूप ले लिया।
इसके अलावा जमीनी विवाद में छोटे संघर्ष अक्सर होते रहते है। पुलिस भी विवादों में मुकदमा दर्ज कर लेती है। लेकिन विवाद का निस्तारण नही हो पाता है।


पांच भूमि विवादों को चिन्हित करने का मंडलायुक्त ने दिया है निर्देश


27 मई को मंडलीय कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मण्डलायुक्त ने सभी थाना समाधान दिवस के दौरान थानों में कम से कम 5 बड़े भूमि विवाद स्वतः चिन्हित किए जाने का निर्देश दिया था। मामलों में राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम तत्काल प्रभाव से कार्यवाही कर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि भूमि विवादों का शीघ्र समाधान न केवल शांति व्यवस्था के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे आमजन का शासन प्रशासन पर विश्वास भी सुदृढ़ होता है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version