अयोध्या। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की आभा अब स्वर्णिम हो चली है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने खुलासा किया कि मंदिर के निर्माण में अब तक 45 किलो शुद्ध सोने का उपयोग किया गया है, जिसकी टैक्स कटौती के बाद कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। यह समर्पण मुंबई के व्यापारी दिलीप द्वारा दान स्वरूप किया गया है।
मिश्र ने बताया कि मंदिर में प्रयुक्त संपूर्ण सोना 100 प्रतिशत शुद्ध है और इसका उपयोग मुख्य रूप से भूतल के सभी दरवाजों, गर्भगृह के कलश और सिंहासन की सज्जा में किया गया है। वर्तमान में यह कार्य शेषावतार मंदिर परिसर में चल रहा है। उन्होंने कहा, “राम मंदिर निर्माण लगभग पूर्णता की ओर है। दिसंबर 2025 तक मंदिर परिसर के कुछ शेष कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। संग्रहालय, सभागार और गेस्ट हाउस का निर्माण 2026 के प्रथम तीन माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। राम दरबार की स्थापना के बाद दर्शन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि अभी दर्शन व्यवस्था को लेकर तैयारी चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजाराम दरबार में दर्शन की शुरुआत फिलहाल संभव नहीं है क्योंकि श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक होगी और व्यवस्था को पहले दुरुस्त करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि राम दरबार दर्शन के लिए निःशुल्क पास की व्यवस्था की जाएगी। दर्शन का निर्धारण राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बाद में किया जाएगा। सच्चे स्वर्ण से सुशोभित हो रहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का धाम, जहां भक्ति, भव्यता और भारतीय संस्कृति की झलक एक साथ दिखाई देगी।