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परिक्रमा मार्गो के समीप स्थित पौराणिक कुण्डों व आश्रमों का विकास की बनी रणनीति

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◆  कुण्डों के जीर्णोद्धार का प्रस्तुत किया गया प्रेजेन्टेशन


◆ चौदह कोसी व पंचकोसी मार्ग पर सार्वजनिक सुविधाओं का होगा विकास


अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता की उपस्थिति में 84 कोसी, 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के समीप स्थित विभिन्न पौराणिक कुण्डों, आश्रमों के पर्यटक विकास एवं जीर्णोद्वार के सम्बंध में सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में विभिन्न कुण्डों जीर्णोद्वार से सम्बंधित वास्तुविदों द्वारा पौराणिक कुंडों के वर्तमान एवं जीर्णोद्वार के उपरांत की स्थिति का डिजिटल प्रजेण्टेशन किया गया। इस अवसर पर दंतधावन कुंड, गिरिजा कुंड, लक्ष्मी सागर कुंड, भरतकुंड आदि का प्रजेण्टेशन किया गया। इस दौरान सांसद, विधायक व जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कुंडों पर पूर्व में हुये पत्थर के कार्य को न तोड़े, उसे अच्छी तरह से फिनिशिंग दें व आवश्यकानुसार मरम्मत करें। कुंडों के सम्पूर्ण परिसर को अच्छी तरह से विकसित करें। प्रत्येक कुंड के प्रवेश द्वार व स्तम्भ उससे सम्बंधित थीम पर आधारित हों, सभी कुंडों में पानी के इनलेट का विशेष ध्यान रखा जायें। सभी कुंडों मंे पहले क्रिटिकल गैप को पूरा किया जाय तदोपरांत पूर्व में हुये कार्यो को मरम्मत का कार्य किया जायें। परिसर को इस प्रकार विकसित किया जिससे मेंटीनेंस कम करना पड़े तथा अच्छे एवं आकर्षक पेड़ रोपित किये जायें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि अयोध्या धाम में 14 कोसी परिक्रमा मार्ग (ल0 23.943 किमी0) एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग (ल0 9.025) के चार लेन में चौड़ीकरण एवं विस्तारीकरण सम्बंधी कार्य प्रगति पर है। इस हेतु भू-स्वामियों/भवन स्वामियों/दुकानदारों से समन्वय स्थापित करके व उनकी सहमति से नियमानुसार भूमि अर्जन की कार्यवाही की जा रही है। इसी के साथ ही चौदह कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के समीप सार्वजनिक सुविधाओं कुल 22 स्थलों में से 10 स्थलों पर विश्राम गृह, शौचालय, पीने के पानी की सुविधा, खान पान की दुकानें, प्रवेश द्वार, साइनेज, स्टोन क्लैडिंग आदि का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 22 स्थलों पर इंटरपीटेशन वाल का निर्माण किया जायेगा, जिसमें से 06 स्थानों पर कार्य प्रगति पर है एवं 07 स्थलों को शिलालेख कार्य के लिए चिन्हित किया गया है।
इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि अयोध्या धाम में स्थित हनुमान कुण्ड, स्वर्णखनि कुण्ड एवं गणेश कुंड में सभा स्थल, छतरी, टायलेट, मुरलवाल, घाट एवं प्लेटफार्म, ऑटोवाटर, फिल्टैªशन, बेंच, डस्टबिन, रैलिंग, साइनिज, लाइटिंग और पेयजल व्यवस्था आदि कार्य पूरा कर लिया गया है उसी के तर्ज पर 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे स्थित कुंडों यथा लक्ष्मीसागर कुंड, वैतरणी कुंड, निर्मल कुंड, गिरजा कुंड, विभीषण कुंड, दन्तधावन कुंड, प्रहलाद कुंड, कौशल्या घाट, विद्या देवी कुंड, सीता कुंड, दशरथ कुंड का भी जीर्णोद्वार किया जायेगा। इसी के साथ ही उक्त पथों के समीप स्थित पौराणिक भवनों/मंदिरों यथा विध्नेश्वर नाथ शिव मंदिर, सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, छोटी देवकाली, नागेश्वर नाथ मंदिर, श्रेवरनाथ मंदिर तथा मुण्डा शिवालय के फसाड लाइटिंग का कार्य किया जायेगा।
इसी के साथ जनपद अयोध्या में स्थित 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थलों/कुंडों एवं आश्रमों यथा दुधेश्वर कुण्ड (सीताकुंड), जन्मेजय कुंड, नरकुंड, महर्षि वेद व्यास गेट, गौराघाट, महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब, त्रिपुरारी कुंड, दशरथ समाधि स्थल, नंदीग्राम भरतकुंड, श्रवण कुमार आश्रम, आस्तिक आश्रम, ऋषि व्यवन आश्रम, मेधा ऋषि आश्रम, श्री बंधु बाबा आश्रम व महर्षि वामदेव आश्रम का पर्यटन विकास कार्यदायी संस्था यूपी पीसीएल द्वारा किया जाना है। इसके क्रम में गिरिजा कुंड, दन्तधावन कुंड, सीताकुंड, जन्मेजयकुंड आदि में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने प्रोजेक्ट मैनेजर यूपी पीसीएल को समस्त कार्यो को गुणवत्तापूर्ण ढंग से तथा अपेक्षित समय में पूर्ण कराने के निर्देश दिये है। जिलाधिकारी ने उपनिदेशक पर्यटन को भी समस्त कुंडों का भ्रमण कर अपेक्षा के अनुरूप कार्यो को सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
तदोपरांत प्रोजेक्ट मैनेजर उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा अयोध्या धाम के पौराणिक मठ/मंदिरों के जीर्णोद्वार पर्यटकों हेतु आधारभूत सुविधायें विकास हेतु स्वीकृत परियोजनाओं का प्रजेंटेशन किया गया। उन्होंने बताया कि अयोध्या धाम के 37 पौराणिक मंदिरों/मठों के जीर्णोद्वार हेतु डीपीआर शासन को प्रेषित किया गया था जिसमें 21 मठ/मंदिरों पर एक साथ अलग-अलग टीमों द्वारा कार्य प्रारम्भ करने तथा समस्त कार्यो को दिसम्बर 2023 से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिये।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सहायक अभिलेख अधिकारी, उपनिदेशक पर्यटन, प्रोजेक्ट मैनेजर यूपी पीसीएल, प्रोजेक्ट मैनेजर उ0प्र0 राज्य विकास निगम सहित सम्बंधित वास्तुविद एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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