अम्बेडकर नगर। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत उर्स ए मरकज़ी के चल रहे दो दिवसीय उर्स के विशेष दिन खानकाह से सुबह जुलूस के साथ सज्जादानशीन सैय्यद हसन अस्करी अशरफ ख़िरका धारण कर व छड़ी मुबारक़ हाथ मे लेकर जुलूस के साथ निजामुद्दीननगर, ख़ादिमटोला, किछौछा बाजार गश्त करते हुए अपने खानकाह में वापस आये वहाँ चादर पोशी की रश्म अदा की गई इसके पूर्व किछौछा की गलियों में जुलूस के ऊपर लोग अपनी छतों से पुष्प वर्षा की चादर पोशी की रश्म के बाद सज्जादानशीन सैय्यद हसन अस्करी अशरफ ने मज़ार की चौखट पर खड़े होकर दरगाह आये जायरीनो तथा देश की एकता अखंडता व भाईचारे के लिए विशेष दुआ मांगी वही एक दिन पूर्व उर्स आगाज़ के दिन रात में सुफियाना कव्वाली का आयोजन हुआ कव्वाली में जबलपुर से आए कव्वाल ने शमां बांधा। बड़ी संख्या में श्रोताओं ने देर रात तक कव्वाली का लुत्फ उठाया उर्स के दिन उर्स ए मरकज़ी की रौनक देखते ही बनती थी स्थानीय निवासियों के द्वारा चादरपोशी करने के बाद भाईचारा की मिसाल देते हुए उर्स कार्यक्रम में अपनी सहयोगिता दी उर्स में सुरक्षा और जायरीनों की सुविधा के लिए व्यापक तैयारी की गई थी वही उर्स के मौके पर सैयद अरबी अशरफ, सैयद सादाब अशरफ, सैय्यद आरफ अशरफ, सैयद यहिया अशरफ, मौलाना बदरे आलम, मौलाना शाहबाज, सेराज अस्करी, सैयद अहमद अशरफ़, सैयद अकील अशरफ, सहित हजारो लोग शामिल रहे।