अयोध्या। जिला कारागार में बंद कैदियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने एवं उनमें सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए नई पहल शुरू हुई है। महिला और पुरुष कैदियों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए कौशल विकास का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें उनको मंदिरों में चढ़े फूलों से अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
यूपी सालसा के ओएसडी भागीरथ वर्मा ने बताया कि जिला कारागार में बंद कैदियों के कौशल विकास लिए हम विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर रहे है। जिससे वह पुनर्स्थापित हो सके। और जेल में बंद होने के साथ-साथ उनको रोजगार भी मिल सके।
जज रिचा वर्मा ने बताया कि सीमैप संस्था के द्वारा जिला कारागार में बंद महिला पुरुष कैदियों को मंदिरों में चढ़े फूलों से अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाना सिखाया जाएगा। उस अगरबत्ती और धूप बत्ती को बाजारों में बेचा जाएगा और कैदियों को उसका पैसा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीमैप संस्था ऐसे कार्यक्रमों का फीस लेती है लेकिन महिलाओं और यहां का पूरा कार्यक्रम निशुल्क कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता ईशा यादव ने बताया कि जेल में बंद कैदियों के दिमाग में कई तरह की परेशानी और उलझन होती है जिससे वह हमेशा परेशान रहते हैं। कैदियों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए हम यहां तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करेंगे जिससे उनकी मानसिक पीड़ा दूर हो और वह कौशल विकास के क्षेत्र में भी आगे बढ़े।