जलालपुर अंबेडकर नगर। मालीपुर क्षेत्र के ग्राम हजपुरा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास राजेश निर्मोही ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण समस्त प्राणियों के जीवनदाता, सर्वात्मा और जीवन मुक्त महापुरुष हैं, जिनकी लीलाओं का गान करना अपने आप में मुक्ति का मार्ग है।
कथा व्यास ने कहा कि जब माता-पिता में वासुदेव और देवकी जैसी त्याग, बलिदान और अटल श्रद्धा की भावना होती है, तभी भगवान स्वयं पुत्र रूप में जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, अत्याचार बढ़ता है, तब भगवान भक्तों की रक्षा और धर्म की स्थापना के लिए अवतरित होते हैं। कथा में बताया गया कि कंस जैसे अत्याचारियों के बढ़ते अत्याचार को समाप्त करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने मामा कंस के कारागार में जन्म लिया और माया से गोकुल पहुंच गए।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के साथ-साथ उनके बड़े भाई बलराम ने भी अनंत भगवान के रूप में अवतार लेकर पृथ्वी का भार उतारा। गीता का संदर्भ देते हुए व्यास जी ने कहा कि स्वयं भगवान ने कहा है— “जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ता है, तब-तब मैं जन्म लेता हूं।”
कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान हृदय मणि मिश्र एवं उनकी पत्नी प्रेम देवी ने व्यास जी का पूजन-अभिनंदन कर कथा का शुभारंभ कराया। कार्यक्रम में डॉ. राजेश मिश्रा, बृजेश मिश्रा सहित समस्त मिश्र परिवार उपस्थित रहा और आगंतुकों का भव्य स्वागत किया। कथा आयोजन में आचार्य दुर्गेश पांडेय व विजेंद्र पांडेय ने यज्ञ व पूजन आदि विधियों का संचालन किया।