Home News कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

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◆ ब्रह्म मुहूर्त में ही शुरू हुआ सरयू स्नान, घाटों पर सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम


◆ हनुमानगढ़ी, रामलला व कनक भवन समेत अन्य मन्दिर शाम तक दिखे श्रद्धालुओं से खचाखच


अयोध्या। रामनगरी में कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा। पावन सलिला सरयू  में करीब 10 से 15 लाख के बीच श्रद्धालुओं ने गोते लगाये। ब्रह्म मुहूर्त में सरयू में स्नान-दान का सिलसिला शुरू हुआ, जो कि दोपहर बाद तक चलता रहा। हनुमानगढ़ी, रामजन्मभूमि, कनक भवन समेत अन्य मंदिरों में देर शाम श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे। घाटों पर सादी वर्दी में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। मंडलायुक्त गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह, एसएसपी राजकरण नैयर समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मेला क्षेत्र लगातार मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली कार्तिक पूर्णिमा थी। अयोध्या मण्डल, देवीपाटन मंडल सहित तक के श्रद्धालु अयोध्या में स्नान के लिए पहुंचे थे। कुछ श्रद्धालु परिक्रमा के बाद यहां मठ-मंदिरों में ठहरे हुए थे, जिन्होंने स्नान के बाद दर्शन-पूजन किया और अपने घरों की ओर प्रस्थान किया। देर शाम तक बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर भीड़ जुटी देखी गई।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सरयू स्नान करने से महीने भर सरयू स्नान का पुण्य मिलता है। इसी दिन से अयोध्या में रहकर माह भर कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं का भी अनुष्ठान पूरा होता है। इसके साथ ही रामनगरी में चलने वाले प्राचीन कार्तिक मेले का भी समापन हो जाता है।

घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था व सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। 150 से अधिक चेंजिंग रूम बनाये गए थे। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से संपूर्ण मेला क्षेत्र को 6 जोन और 40 सेक्टर में बांटा गया था। इसके साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को स्नान घाटों पर लगाया गया था। जल पुलिस बाढ़ राहत और एसडीआरएफ की टीम स्नानार्थियों के सुरक्षा के लिए सक्रिय दिखी।

पूरे मेला क्षेत्र में जल, थल और नभ से सुरक्षा की विशेष व्यवस्था रही। ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही थी। एटीएस को भी तैनात किया गया था। एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया की परिक्रमा के बाद से श्रद्धालुओं ने अयोध्या में डेरा डाल रखा था। उनकी सुरक्षा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण थी। इसी कारण बड़ी संख्या में फ़ोर्स लगाई गई थी। जगह-जगह रूटों को डायवर्जन व्यवस्था भी की गई थी। उन्होंने बताया कि करीब 10 लाख से 15 लाख श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंचकर पुण्य की डुबकी लगाई है।

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