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फिर चहक उठेगा एनटीपीसी का प्रांगण, शुरू होने जा रही है बालिका सशक्तीकरण मिशन कार्यशाला

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अम्बेडकर नगर। ग्रीष्मकालीन अवकाश आते ही एनटीपीसी प्रांगण में बालिकाओं के स्वागत सत्कार की तैयारियां शुरू हो जाती है। कार्यालयीन कामों के बीच एनटीपीसी परिवार में अधिकारीगण बालिकाओं के आगमान से लेकर उनके खाने पीने जैसी प्रत्येक छोटी व्यवस्था पर मंत्रणा शुरू कर देते हैं।
इसी श्रृंखला में बीते सोमवार को एनटीपीसी टांडा में बालिका सशक्तीकरण अभियान-2024 (जेम) के आयोजन हेतु बालिकाओं का बेसलाइन सर्वेक्षण और मेडिकल चेकअप कर्मचारी विकास केंद्र में आयोजित किया गया। इस आयोजन में परियोजना के आसपास के प्राथमिक विद्यालयों की 40 बालिकाओं ने बेसलाइन सर्वेक्षण और मेडिकल चेकअप में भाग लिया।
एनटीपीसी लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी है। एनटीपीसी वर्ष 2018 से अपनी प्रमुख सीएसआर गतिविधि के अन्तर्गत बालिका सशक्तीकरण अभियान का आयोजन करती है। इस बार एनटीपीसी 42 चिन्हित स्थानों पर समाज के वंचित वर्गों के लगभग 3000 मेधावी बच्चों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। यह बालिका सशक्तीकरण अभियान का एक नया रूप है जिससे लाभार्थी बालिकाओं की कुल संख्या 10 हज़ार से ऊपर हो जाएगी।

यह कार्यक्रम भारत सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल से प्रेरित है। एनटीपीसी का उद्देश्य बालिकाओं की क्षमता को बढ़ावा देकर लैंगिक असमानता एवं दूसरी सामजिक बुराइयों को हराने का है। एनटीपीसी बालिकाओं के विकास को उनके परिवार, समुदाय और राष्ट्र के विकास के तौर पर देखती है।
अब तक बालिका सशक्तीकरण अभियान ने कुल 7,424 बालिकाओं को प्रशिक्षित किया है। एनटीपीसी बालिका सशक्तीकरण अभियान के द्वारा कौशल विकास, आत्मविश्वास-निर्माण, आत्मरक्षा, कला, बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक तकनीकि ज्ञान का भी शिक्षण उपलब्ध करवाती है। एनटीपीसी का उद्देश्य दीर्घकालीन भविष्य के लिए सुखद परिणामों की नींव रखना है।

इस अवसर पर टांडा परियोजना के कार्यकारी निदेशक ए॰के॰ चट्टोपाध्याय ने कहा कि सभी कर्मचारी बालिकाओं के स्वागत के लिए तैयार हैं। इस कार्य को हम सभी अपने सौभाग्य के तौर पर देखते हैं। बालिका सशक्तीकरण मिशन के माध्यम से हमें अपने कार्यालयीन कामों के साथ नारी सशक्तीकरण और देश सेवा का अवसर मिलता है। एनटीपीसी टांडा ने पिछले वर्षों में आसपास के गांवों की लगभग 160 बालिकाओं को सशक्त बनाया है।

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