अम्बेडकर नगर। नियम कायदा कानून को ताख़ पर रख नगर के कौंमी इंटर कालेज के मैदान में लगी प्रदर्शनी में बीते बुधवार व गुरुवार को कई हादसे हुए जिसमें लगभग एक दर्जन लोगों को चोटें आयी जिसमें कई कम उम्र के नौनिहाल भी है। गुरुवार को हुए हादसे का प्रकरण सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी की अनुमति की पत्रावली एस डी एम टाण्डा कार्यालय से तलब कर लिया है। हादसे के बाद कोतवाली टांडा पुलिस ने प्रदर्शनी को अविलंब बंद कराने की रिपोर्ट एसडीएम टांडा को भेजी है। ज्ञातव्य हो कि बीते दो अप्रैल से कौमी इंटर कालेज के मैदान में गोरखनाथ डिजी – लैंड फाउंडेशन के बैनर तले प्रदर्शनी का आयोजन मैनेजर अजय दूवे की देखरेख में चल रहा है। प्रदर्शनी मालिक की ऊंची पहुंच के बल पर आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी होने के बाद भी अधिकारीयों द्वारा अनुमति दे दी गयी। अनुमति मिलते ही प्रदर्शनी मैनेजर द्वारा अपने बाउंसरों के बल पर प्रदर्शनी बिना नगरपालिका परिषद टांडा व विनियमित क्षेत्र की एनओसी लिये ही शुरू करा दी गयी। प्रदर्शनी में कहने को तो पुलिस चौकी भी बनायी गयी है लेकिन उसमें कभी पुलिसकर्मी नहीं दिखाई देते है। गेट पास के नामपर प्रदर्शनी में टांडा नगर की जनता को लूटने के साथ साथ सरकार को भी मनोरंजन कर का बड़े पैमाने पर चुना लगाया जा रहा है । गेट पास पर ना तो कोई सीरियल नम्बर है और ना तो उस पर कोई मूल्य छपा है फिर भी 20 रुपये प्रति व्यक्ति गेट पास वसूला जा रहा है। झूलों की गुणवत्ता पर हाईकोर्ट द्वारा चिंता व्यक्त करने के बाद भी अधिकारीयो के आंख मूदे रहने के परिणामस्वरूप बीते बुधवार को कुछ बच्चे घायल हुए और गुरूवार को मिक्की माऊस पलट गया तथा ब्रेक डांस का प्लेटफार्म बैठ गया जिसके चपेट में आने एक दर्जन बच्चे घायल होगये।। आनन फानन में उन्हें परिजन प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया जिनमें से कुछ बच्चों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कालेज में ले जाया गया है। घायल दर्शकों के परिजनों द्वारा शिकायत पर प्रदर्शनी मैनेजर अजय दूबे द्वारा अपने बाउंसरों के माध्यम से उन्हें चुप कराने का प्रयास किया गया तो वह लोग प्रदर्शनी गेट पर ही हंगामा करने लगे जिन्हें कोतवाली टांडा के पुलिस कर्मियों द्वारा हस्तक्षेप कर शांत कराया गया। पूरे प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है जिसमें कहीं पर भी पांच व्यक्तियों के एक साथ इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है उसके बाद भी प्रदर्शनी मैनेजर अपने रसूख के बल पर प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए बीते दो अप्रैल से प्रदर्शनी का संचालन करता चला आ रहा है और प्रतिदिन प्रदर्शनी में हजारों की भीड़ इकट्ठा हो रही हैं। प्रदर्शनी में घायल बच्चों को फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन द्वारा प्रदर्शनी को बंद करा दिया गया है। वायरल वीडियो व फोटो का संज्ञान जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा लिया गया और शुक्रवार की सुबह ही एसडीएम टांडा के कार्यालय से प्रदर्शनी की अनुमति की पत्रावली को अपने पास तलब कर लिया। अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली से लोगो में रोष व्याप्त नजर आ रहा है।