ओलम्पिक में मान्य है रिकर्व धनुष, 70 मीटर की होती है प्रतियोगिता
कम्पाउंड की 50 मीटर, इंडियन धनुष से 30 व 50 मीटर भेदा जाता है लक्ष्य
अयोध्या। राजकीय इंटर कालेज में आयोजित एनटीपीसी राष्ट्रीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में धनुष चर्चा का विषय रहा। प्रतियोगिता में तीन प्रकार के धनुष दिखाई दिये। इंडियन धनुष की कीमत सात से दस हजार के बीच होती है। विदेश धनुष तीन लाख के उपर है। कीमत कम होने की वजह से खिलाड़ी इंडियन धनुष से शुरुआत करते है।
स्पोर्टस एथारिटी आफ इंडिया के कोच महेन्द्र सिंह सरदार ने बताया कि वह झारखंड के रहने वाले है। वहां तीरंदाजी सबसे लोकप्रिय खेलों में एक है। इंडियन धनुष लकड़ी का बना होता है। खिलाड़ियों की शुरुआत करने के लिए यह उपयुक्त होता है। रिकर्व व कम्पाउन्ड धनुष की कीमत तीन लाख से शुरू होती है। जिसके कारण खिलाड़ी इसे खरीदने में सक्षम नहीं होते है। इंडियन धनुष की प्रतियोगिता में 30 से 50 मीटर दूर स्थित लक्ष्य को भेदना होता है। रिकर्व की प्रतियोगिता में 70 व कम्पाउन्ड में 50 मीटर लक्ष्य होता है। ओलंपिक में रिकर्व धनुष ही मान्य है। इंडियन धनुष का ओलम्पिक में जाना काफी मुश्किल है। क्योकि अन्य देश इसकी मंजूरी नहीं देंगे। उन्होने बताया कि तीरंदाजी की ट्रेनिंग कई क्लब देते है। जिनकी फीस भी ज्यादा नहीं होती है। कई प्रदेशों में यह खेल पारम्परिक था। पहले बांस की धनुष का इस्तेमाल किया जाता था। परन्तु अब इसमें आधुनिकता लाई गयी है।
झारखंड के खिलाड़ी योगेन्दर हिसा व लोकल बोदरा ने बताया कि वह इंडियन धनुष से प्रेक्टिस कर रहे है। आगे चलकर रिकर्व या कम्पाउन्ड में एक का चुनाव करेंगे। अगर सरकार से मद्द मिल जाए तो अच्छा होगा।