अयोध्या। 6 दिसम्बर 2009 से चित्रकूट बांदा के संकटमोचन मंदिर में श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए अखंड श्री राम नाम संकीर्तन चल रहा था। संकीर्तन की पूर्णाहूति होने के बाद चित्रकूट से सैकड़ों संतधर्माचार्य और स्थानीय रामभक्त पदयात्रा करते सायंकाल अयोध्या धाम के कारसेवकपुरम् पहुंचे। कारसेवक पुरम् पहुंचने पर उमेशचंद्र पोरवाल, शरद शर्मा, अभिषेक ,रजनीश कुमार, प्रदीप“गुलशन“ आदि नें पुष्प वर्षा पद यात्रियों का स्वागत किया।
श्रीरामनाम संकीर्तन मंडली और पद यात्रा के संयोजक भोलेबाबा ने बताया कि राम नाम संकीर्तन परिवार ने 6 दिसंबर 2009 को संकट मोचन हनुमानमंदिर चित्रकूट में हनुमानजी को साक्षी मानकर कीर्तन बैठाया था। जिससे राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हों। सारी बाधाएं दूर हों जाय। देश के अनेक भक्तों और संतों ने इस पवित्र लक्ष्य और संकल्प की सिद्धि हेतु अपने प्राणोत्सर्ग तक कर दिये तब जाकर हमारे प्रभु अपने मूल स्थान पर विराजमान हुये हैं। हम सभी भक्त भी उसी संकल्प के अनुगामी हैं। लगातार पंद्रह वर्षों तक अनवरत चले अखंड संकीर्तन की पूर्णाहुति आज हुई है।
उन्होंने बताया विगत पंद्रह दिन पूर्व छः दिसम्बर को हम चित्रकूट धाम सें नंगेपाव नगर भम्रण करते हुए अयोध्या धाम के लिये प्रस्थान किया था ,मार्ग विभिन्न पड़ावों पर रूकते हुये गुरूवार को अयोध्या पहुंचे हैं। प्रातः सरयू स्नान करके रामलला का दर्शन करने के साथ यात्रा संपन्न हो जायेगी।
महंत कृष्णनंद दास भूरी वाले बाबा ने कहा यह देश सनातन परंपराओं को मानने वाला है,धार्मिक अनुष्ठान से संकल्प की सिद्धि होती है। श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति भी अनुष्ठान और त्याग तपस्या से निर्मित हो रही है। कलयुग में नामसंकीर्तन से मनुष्य भवसागर से पार उतर जाता है साथ ही उसे पवित्र लक्ष्य भी प्राप्त होते हैं। संकीर्तन यात्रा में महंत कृष्णनंद भूरीवाले बाबा पंजाब, कामता सिंह, अवधेश वाजपेयी, कल्लू विश्वकर्मा, गयाशरण, सहित सैकड़ भक्त समलित थे।