अम्बेडकर नगर। बिजली विभाग के आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में जनपद में लगातार आंदोलन जारी है। सोमवार को छठे दिन सैकड़ों संविदा कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। नाराज कर्मचारियों ने प्रबंधन और एमडी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि जब तक छंटनी किए गए कर्मचारियों को पुनः नियुक्त नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
जानकारी के अनुसार, विभाग में प्राइमवन कंपनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग के तहत कुल 950 कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें से 650 कर्मचारियों को बिना किसी कारण के कार्यमुक्त कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये सभी कर्मचारी पिछले 14 वर्षों से सेवा दे रहे थे। ऐसे में उनकी अचानक की गई छंटनी न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इनके परिवार के भरण-पोषण पर भी संकट खड़ा हो गया है।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि जिन कर्मचारियों को हटाया गया है, वे वर्षों से विभाग में समर्पित भाव से कार्य कर रहे थे। दूसरी ओर कुछ अधिकारियों के चहेते कर्मचारी, जो अपने तैनाती स्थल पर कार्य न कर अलग-अलग निजी कार्यों में संलग्न हैं, उन्हें नहीं हटाया गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि रात्रि के समय अचानक दूसरी सूची जारी कर दी गई—क्या रात में ही कर्मचारियों की योग्यता का परीक्षण किया गया?
मध्यांचल उपाध्यक्ष राजन चौधरी ने कहा कि छंटनी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। वहीं, संगठन मंत्री दुर्गेश तिवारी, केंद्रीय समिति सदस्य पंकज मिश्रा, सुमित कन्नौजिया, चंडिका वर्मा, आदित्य वर्मा, धनंजय यादव, प्रदीप यादव, बृजेश सिंह समेत सैकड़ों कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हुए।
कर्मचारियों का कहना है कि छंटनी से कार्य का भार बढ़ेगा, जिससे बिजली व्यवस्था चरमराएगी और दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मैनपावर एजेंसियां कर्मचारियों से मोटी रकम लेकर नियुक्तियां करती हैं, जो पूरी तरह शोषण है । प्रदर्शनकारियों ने बताया कि मंगलवार को यह आंदोलन लखनऊ में होगा, जहां प्रदेश स्तरीय नेतृत्व के साथ सरकार से न्याय की गुहार लगाई जाएगी।