कुमारगंज, अयोध्या। लू के साथ साथ चिलचिलाती धूप से जनजीवन त्रस्त हो गया है। पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए तालाब पोखरे सब सूख गए है। मवेशी बूंद बूंद पानी के लिए इधर उधर भटक रहे है।
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में स्थित तालाबों में एक बूंद पानी नजर नही आ रहा है। अपनी हलक की प्यास बुझाने के लिए बेजुबान पानी के लिए इधर उधर घूम रहे है। क्षेत्र के विकास खंड अमानीगंज हो अथवा मिल्कीपुर या हैरिंग्टनगंज किसी भी क्षेत्र के तालाबों में पानी नही दिख रहा है। कहीं किसी गांव में तालाब की तलहटी में थोड़ा बहुत पानी है भी तो वह नाकाफी है।
क्षेत्र से होकर बहने वाली शारदा सहायक नहर मई की शुरूवात में चालू हो गया है जिससे नहर के आसपास इलाके के लिए राहत की खबर है। हर गांव में मनरेगा के तहत भारी भरकम राशि खर्च करके तालाबो की खुदाई की गई, यहां तक कि कुछ गांवों के तालाबो को चिन्हित करके अमृत सरोवर के रूप में महिमा मंडित किया गया। लेकिन अमृत की बात छोड़िए सरोवर में एक बूंद पानी भी देखने को नसीब नही हो रहा। मनरेगा के तहत तालाबो पर भारी भरकम राशि इसलिए खर्च की जा रही कि जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभाने वाले निरीह पशु पक्षी पानी पी सके, लेकिन सब हवा हवाई ही साबित हो रहा है।
दोपहर के समय सड़के सूनी नजर आने लगी है तापमान करीब 40 डिग्री के पार पहुंचा है ऐसे में हलक सूखना लाजमी है, आदमी अपनी सुविधा अनुसार खुद की व्यवस्था कर ले रहा लेकिन पशु पक्षियों के पास न तो वाटर कूलर है न ही हैंड पंप, उन्हे तो तालाबों और पोखरों का ही सहारा है जिन्हे साफ सफाई के नाम पर ऐसा बर्बाद कर दिया गया की बारिश का समय समाप्त होने के महज तीन चार माह बाद ही, तालाबों के पानी सूख जाते है। अभी तक इन सूखे पड़े तालाबों में पानी भराने के लिए शासन स्तर से शायद कोई व्यवस्था नहीं की गई है, अन्यथा सूखे पड़े तालाबों के घाटों पर पक्षियों की चहचहाहट जरूर सुनाई पड़ती। विकास खंड हैरिंगटनगंज के राज्य अमृत सरोवर मतरहिया तालाब में एक बूंद पानी देखने को नही मिला, तालाब में छुट्टा और पालतू जानवर जरूर देखने को मिले शायद पानी की तलास में घूम रहे रहे थे। नगर पंचायत कुमारगंज के बवां गांव के तालाबों की यही दशा है, तालाब सूखे पड़े है। ग्राम सभा धमथुआ, चौधरीपुर, अछोरा लिलहा, समेत कई गांवो में तालाब सूखे पड़े है। बीसा तारा तालाब, तिन्दौली और अकमा ग्राम सभा में स्थित महुआ तालाब में थोड़ा बहुत पानी है, पता चला है की ग्रामीणों ने प्राइवेट ट्यूबेल से पानी भरा है। यह कहा जा सकता है की यदि सूखे तालाबों को भरने की व्यवस्था नही की गई तब आने वाले दिनों में पशु पक्षियों के जीवन पर गहरा संकट खड़ा हो सकता है। खंड विकास अधिकारी हैरिंग्टनगंज अखिलेश कुमार मिश्रा से राज्य अमृत सरोवर मतरहिय तालाब पलिया लोहानी के संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरोवरों को भरने के लिए कोई अलग से बजट नहीं है, प्रकृति जब पानी देगा तभी पानी एकत्रित हो सकता है, फिर भी सरकारी ट्यूबवेल से भरने हेतु निर्देशित किया जा रहा है।