Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या राम वन गमन की कथा का विस्तार से किया वर्णन

राम वन गमन की कथा का विस्तार से किया वर्णन

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बीकापुर, अयोध्या। भरत कुंड के प्राचीन तपस्थली भरत मंदिर पर राम कथा को कामाख्या धाम के महंत आचार्य इंद्रेश कौशिक कह रहे है। शनिवार को देर रात लगभग नौ बजे तक चली कथा की शुरुआत में प्रभु राम के वन गमन का विस्तार से वर्णन करते हुए चित्रकूट मनाने पहुंचे भरत की कथा का वर्णन किया। निषाद राज की भरत से लड़ने की तैयारी तथा जब भरत को यह जानकारी होते ही कि निषाद राज बड़े भाई राम के मित्र है, चरणों मे लेट कर प्रणाम करने का अदभुत दृश्य को कथा के दौरान उन्होंने प्रस्तुत किया। लक्ष्मण को भी भरत पर संदेह व्यक्त करने पर प्रभु राम ने अपनी बातों से संदेह दूर किया ।

कथा श्रवण करने अतिथि के रुप में पहुंचे इन्द्र पताप तिवारी उर्फ़ खब्बू तिवारी का स्वागत सभासद राम कृष्ण पांडेय, महंथ परमात्मा दास, मंदिर प्रशासक अरविंद दास, अरुण दास, पवन दास, बाल व्यास सम्पूर्णा नन्द ने किया। मंदिर के प्रशासक पंडित अरविंद दास ने बताया कि प्रति दिन सुबह बेदी पूजन ,पंचांग पूजन ,कलश पूजन होने के साथ रामचरितमानस की प्रत्येक दोहा ,चौपाई ,सोरठा ,छंद पर यज्ञ की आहुति दी जा रही है। यज्ञ के प्रतिदिन के यजमान अलग-अलग रहते है। शनिवार को प्रमुख यजमान के रुप में हवन यज्ञ की आहूत देते अरविंद तिवारी अपनी पत्नी के साथ मौजूद रहे। मौके पर अध्यापिका अंतिमा सिंह, करुणा शंकर मिश्रा, मोनू पाण्डे, पूर्व प्रधान सतीश मिश्रा, पूर्व प्रधान सुनील दूबे, पूर्व प्रधान राम भरत पाण्डेय, दीप नारायण उपाध्याय, रज्जू दूबे, सभासद राम कृष्ण, राम दयाल पाण्डेय, विश्राम पान्डेय, बद्री तिवारी, विनोद पाण्डे, मोहन दुबे, दाढ़ी दुबे, अमीस पांडेय, अंजनी पाण्डेय, मौजूद रहे।

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