सुहागिनों ने सौभाग्यवती होने के लिए रखा करवा चौथ का निर्जला व्रत
@ दुर्गेश पांडेय ‘दीपू’
अम्बेडकरनगर। कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी बुधवार को रही। इस दिन सुहागिनों का पर्व करवा चौथ मना। सुहाग की मंगल कामना के लिए सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखा। सुहागिनों ने निर्जला व्रत रख कर अखंड सौभाग्यवती होने का व्रत रखकर यह प्रमाणित कर दिया कि उनके लिए 21वीं सदी में भी पतियों का स्थान देवताओं जैसा ही है।
करवा चौथ का व्रत पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दिनभर निर्जला व्रत रखकर सुहागिनों ने शाम को विधि विधान से पूजा की। चन्द्र की पूजा कर पति का दर्शन किया और पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत को समाप्त किया। पश्चिम में सूर्य के अस्त होने के साथ ही सोलह श्रृंगार कर, नए परिधान धारण कर सुहागिनों ने गणेश, शिव- गौरी और चंद्रमा की पूजा अर्चना की। इसके बाद चलनी की ओट से चंद्रमा को और अपने पति का दीदार किया। पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत का समापन किया। चंद्र देव की पूजा के दौरान घर-घर भारतीय संस्कृत की अनुपम छटा बिखरी दिखी। कहीं समूह में महिलाओं ने पूजा अर्चना कर भारतीय नारी के प्रख्यात देवी स्वरूप का नजारा पेश किया तो कहीं पतियों का स्थान देवताओं के समान होने का प्रमाण दिया। अकबरपुर नगर में कई समूह में महिलाओं ने पूजा अर्चना की। देर रात पूजा और चलनी से जनदर्शन करने का दौर चला। इस दौरान नई फसल धान के चावल, उड़द, मूंग से बने विशेष फल पकवान फरा का भोग भी लगाया गया। इसके पूर्व दिन में बाजार में जमकर खरीदारी हुई। इसके पूर्व दिन में हुई जमकर खरीदारी से बाजार गुलजार रहे। महिलाओं ने सजने और पूजा के लिए तो पतियों ने अपनी पत्नी को उपहार देने के लिए खरीदारी की। सबसे अधिक स्वर्ण के आभूषण की खरीद हुई। अनुमान है कि जिले में तीन करोड़ रुपए के आभूषण का केवल कारोबार बुधवार को ही हुआ है।