अंबेडकरनगर । अर्जुनपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन भागवत श्री के प्रथम स्कंध में वर्णित श्री नारद चरित्र, कुंती स्तुति, भीष्म स्तुति और परीक्षित जन्म की कथा का वर्णन हुआ। कथा व्यास पंडित तुलसीराम शास्त्री जी महाराज ने कहा कि भगवत शरणागति वह ब्रह्मास्त्र है जिसके ऊपर किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र तंत्र-मंत्र आदि का प्रभाव नहीं हो सकता, इस लिए सदा भगवत शरणागति में ही रहने का प्रयास करना चाहिए। भागवत कथा में कथा व्यास जी के साथ सह वैदिक आचार्य अंकित शास्त्री , सुंदर मधुर भजन गायक संदीप मिश्रा, तबला वादक शिवम ने भक्तिमय भजन गायन कर उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। आज की कथा में उपस्थित भक्ति वृंदा लोक कुमार मिश्रा, दुर्गेश मिश्रा, राजा मिश्रा, राम नवल मिश्रा, विजय बहादुर मिश्रा, राजन मिश्रा, अमर मिश्रा आदि सैकड़ों की संख्या भगत वत्सल्य श्रोतागण उपस्थित रहे।। मुख्य यजमान ओमप्रकाश मिश्र व जयप्रकाश मिश्र एवं उपासना मिश्रा रहीं।