अम्बेडकर नगर। जिले की पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है। महिला संबंधित अपराधों के प्रकरण में लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिन पूर्व पुलिस के अधिकारियों को फटकार लगाई थी लेकिन इनके बावजूद भी जिले में पुलिस की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिह्न लग रहा है। मामला इब्राहिमपुर थाने से जुड़ा हुआ है। बीते 14 सितंबर को छेड़छाड़ और मारपीट की सूचना पुलिस को पीड़ित परिवार द्वारा दी गई। लेकिन जब हंसवर में छात्रा का दुप्पटा खींचने और उसके बाद उसकी मौत मामले में बड़ी कार्यवाही हुई तो इब्राहिमपुर पुलिस ने मामले में 17 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया। आरोप है कि 18 तारीख को आरोपियों को थाने बुलाया गया चार नामजद आरोपियों में पुरुषों को छोड़कर सिर्फ दो महिलाओं का शांति भंग में चालान कर दिया गया। जबकि दो पुरुष आरोपी थाने में ही थे। 22 सितंबर को पुरुष आरोपियों को पुनः बुलाया गया लेकिन उस दिन भी कोई कार्यवाही नही की गई। आरोपी राशिद और उसके पिता को थाने में बुलाकर 26 सितंबर को बैठा लिया गया और राशिद को 151 की धारा में रिमाड़ पर जेल भेज दिया गया। चर्चा है कि आखिर पुलिस बार बार आरोपियों को थाने क्यों बुला रही थी, इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? मुकदमें की विवेचना उपनिरीक्षक राम आग्रह द्वारा की जा रही है जिन्होंने पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने का आरोप है।
पूरे प्रकरण से जुडे कई ऑडियो हुए हैं वायरल
पूरे प्रकरण मे कई आडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। एक वायरल आडियो जो विवेचक राम आग्रह तथा आरोपी राशिद कुरैशी के मध्य 22 सितंबर को हुई वार्ता का बताया जा रहा है। जिसमें विवेचक आरोपी को यह कहते हुए फटकार लगा रहा है कि दस दिन बाद तुम्हे समझ आया है। वहीं दूसरे आडियो में सिपाही आर्यन कुमार व आरोपी की बहन की वार्ता का बताया जा रहा है। जिसमें सिपाही आर्यन आरोपी राशिद की बहन को थाने बुला रहा है। राशिद की बहन द्वारा रात होने के बात कहने पर वह उसकी मां को भेजने की बात कह रहा है।
विवेचक पर लगे आरोपों की जांच करेंगे सीओ टांडा
पूरे मामले में उपनिरीक्षक संजीव कुमार को पुलिस अधीक्षक ने लाइन हाजिर कर दिया। विवेचक पर लगे आरोपों की जांच सीओ टांडा को सौंपी गई है। लेकिन जांच के नाम पर विवेचक को बचाने का प्रयास भी भरपूर किया जा रहा है।