Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अम्बेडकर नगर इमाम मूसा काजिम अलैहिस्सलाम की शहादत दिवस पर शब्बेदारी का हुआ आयोजन

इमाम मूसा काजिम अलैहिस्सलाम की शहादत दिवस पर शब्बेदारी का हुआ आयोजन

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अंबेडकरनगर । नगर के लोरपुर ताजन के मोहल्ला हुसैनाबाद में गुरुवार की रात्रि शबे गिरिया व मातम हजरत इमामे मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की शहादत दिवस पर मजलिस व शब्बेदारी का आयोजन किया गया। मजलिस का आगाज़ पेशख़ानी से ज़ुहैर सुल्तानपुरी ने किया  सोज़ख़ानी नय्यर हुसैन खॉन व हमनवा ने किया वही मजलिस में मौजूद कई उलमा-ए- कराम ने हज़रत इमामे मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के जीवन पर रौशनी डाली पहली मजलिस को संबोधित करने आजमगढ़ से आए हुए मशहूर आलिमेदीन मौलाना शफाअत हुसैन (अदीब) आज़मी ने कहा कि इमामे मूसा काजिम (अ.स.) को बादशाहे वक्त हारुन रशीद मलऊन ने ज़हर दिया था, आपकी लाश को हथकड़ी बेड़ी समेत बगदाद के पुल पर लावारिस छोड़ दिया गया। दूसरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैय्यद इन्तेज़ार मेंहदी फैज़ी ने कहा  कि इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम 25 रजब को शहीद हुए थे,जिससे पूरा इस्लामी जगत शोकाकुल हो गया इमाम मूसा काजिम अलैहिस्सलाम का लाशा ज़ख्मों से चूर चूर था इमामे काज़िम का एक लकब बाबुल हवाएज है। ज़ाकिरे कर्बला निज़ाम अब्बास ने कहा कि इमामे मूसा काज़िम का जन्म सात सफर को मदीना के समीप अबवा नामक क्षेत्र में हुआ था,आपकी माता का नाम हमीदा खातून था मजलिस समाप्त होने के फ़ौरन बाद शबीहे ताबूत इमामे मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम बरामद हुआ मजलिस में मौजूद लोगों ने नम आंखों से ताबूत की ज़ियारत की वही आखिरी अलविदाई मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना शब्बर हुसैन खॉन ने कहा कि इमामे काज़िम ने लगभग 14 वर्ष बहुत ही कठिन स्थिति में जेल में व्यतीत किये कठिनाइयों में धैर्य करने और क्रोध भी पी जाने के कारण आपको काज़िम की उपाधि से ख्याति मिली मजलिस के बाद अंजुमन अज़ादारे हुसैनी जाफराबाद जलालपुर अंजुमन गुलशने इस्लाम मित्तूपुर आजमगढ़ अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड हुसैनाबाद अंजुमन मासूमिया रजिस्टर्ड लोरपुर अंजुमन अब्बासिया पीरपुर अंजुमन जाफरिया पेवाड़ा ने नौहा मातम पेश किया।

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