जलालपुर अंबेडकर नगर। प्रमोशन ऑफ़ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट के अंतर्गत गुरूवार को जलालपुर विकासखंड के सभागार परिसर में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में पराली जलाने की समस्या से निजात पाने हेतु विभिन्न प्रकार के पराली प्रबंधन के उपायों पर चर्चा की गई। गोष्ठी में उपस्थित सहायक विकास अधिकारी बृजेश तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार खेतों में पराली को जलाना पूर्णतया वर्जित है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण के साथ-साथ कृषि हेतु भी पराली का जलाना अहितकर है। पराली जलाने से खेतों में उपस्थित लाभदायक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। इसके अतिरिक्त खेतों में पराली जलाना दंडनीय है, ऐसा करने पर एफआईआर दर्ज करवाने के साथ ही क्षेत्रफल के अनुसार जुर्माना तथा इसकी पुनरावृति पर कारावास जैसी सख्त करवाई की जा रही है। सहायक कृषि विकास अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए पराली डीकंपोजिशन के विभिन्न तरीकों से किसानों को परिचित करवाया। इस अवसर पर किसानों को डीकंपोजिशन कैप्सूल के बारे में ही जानकारी दी गई जिसका उपयोग करने पर मात्र एक कैप्सूल द्वारा ढाई कुंतल पराली को कंपोस्ट खाद में बदला जा सकता है। इस गोष्ठी में पराली प्रबंधन में काम आने वाले विभिन्न प्रकार की मशीनों एवं औजारों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रभावती, मुकेश, कमलेश, सुषमा, मनोज तिवारी, निर्मला देवी, सुरेश कुमार, प्रमोद सिंह, मनोज वर्मा, शैलेंद्र, फिरोज अहमद तमाम जनप्रतिनिधि, किसान तथा कृषि विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।