अंबेडकर नगर। बी.एन.के.बी.पी.जी. कॉलेज, अकबरपुर,में भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के अंतर्गत रोवर / रेंजर्स का प्रवेश सोपान प्रशिक्षण का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो शुचिता पाण्डेय के द्वारा स्काउट ध्वज फहराकर किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो शुचिता पांडेय बताया कि इस तरह की प्रशिक्षण कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास होता है। भारत स्काउट और गाइड के अंतर्गत तीन विभाग है। प्रथम कब बुलबुल जो कि 5 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की बच्चों को कब और बुलबुल कहा जाता है। 11-16 साल के छात्र-छात्राओं को स्काउट और गाइड कहा जाता है। 17-25 साल के छात्र-छात्राओं को रोवर और रेंजर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि रोवर रेंजर का मुख्य उद्देश्य सेवा होता है। यह किसी भी आपात स्थिति से निपटने में दक्ष होते हैं। प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन रोवर्स व रेंजर्स को बीपी सिक्स, आयु के अनुसार वर्गीकरण, सिद्धांत, ध्वज-शिष्टाचार, क्रयू एंड काउंसिल तथा टीम एंड काउंसिल का स्काउट जीवन में महत्व आदि के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शिविर में रोवर्स और रेंजर्स को प्रशिक्षण की जानकारी दे रहे जिला संगठन आयुक्त स्काउट बलराम राजभर ने रोवर्स-रेंजर्स को प्रार्थना एवं झंडा गीत, स्काउट इतिहास आदि के बारे में जानकारी दी। जिला प्रशिक्षण आयुक्त रमेश कुमार यादव ने बायां हाथ मिलाना और सैल्यूट करना बताया। आगे कहा कि वर्तमान स्काउटिंग में शिक्षा देने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जाता है। मसलन – खेल प्रतियोगिता, काव्य पाठ, नाटक आदि। जिला प्रशिक्षण आयुक्त गाइड सत्यवती देवी द्वारा टोली की जानकारी ,ध्वज शिष्टाचार ,शिविर के नियम ,प्रार्थना ,झंडा गीत ,नियम प्रतिज्ञा, सैल्यूट आदि की जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 रोवर और 40 रेंजर्स प्रतिभाग कर रहे हैं। रोवर का अमित एवं रेंजर्स का सुमित्रा पटेल नेतृत्व कर रही हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण, कर्मचारीगण, एन. सी. सी. के कैडेट, एन. एस. एस. के स्वयंसेवक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।