Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अम्बेडकर नगर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर राजनीति शुरू

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर राजनीति शुरू

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अम्बेडकर नगर। जलालपुर कोतवाली क्षेत्र के अजईपुर गांव में बीते दिवस कक्षा एक की छात्रा अनन्या का दौड़ कर अपने घर से किताब  निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है, जिसको राजनैतिक दलो द्वारा हाथों हाथ लिया जा रहा है और इस मामले को धार देने से चूक नही रहे है। गांव पहुचकर संवेदना व्यक्त करने का भी क्रम जारी हो गया है । इस वीडियो पर पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से लेकर स्थानीय जिला स्तर के विपक्षी नेताओं ने मुख्य घटना से इतर बच्ची के शिक्षा व किताब के प्रेम पर राजनीति शुरू कर दी है। जब कि यह एक सामान्य घटना थी। बच्ची जिस घर के अंदर जा कर अपनी किताबें निकाल रही थी न तो उस पर जेसीबी चल रही थी और न ही उस में आग लगी थी। बच्ची ने भय वश अपनी किताब निकाली उस वक्त तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव कोतवाल जलालपुर संतोष कुमार सिंह व महिला सिपाही अमृता सिंह ने सहयोग किया।  अजईपुर गांव में राममिलन यादव द्वारा नवीन परतीं की भूमि पर कब्जा कर लिया गया था। शुक्रवार को एसडीएम तहसीलदार समेत राजस्व विभाग ने जेसीबी से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की तो उसी बीच कक्षा एक की छात्रा अनन्या भय वश घर से अपनी किताब निकालने लगी। जिस का वीडियो सोसल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।


फेक फोटो व वीडियो पर दर्ज होगा मुकदमा


अजईपुर की घटना को लेकर विभिन्न सोसल मीडिया के प्लेटफार्म पर फर्जी फोटो व वीडियो पोस्ट किये जा रहे हैं।जिस को लेकर उपजिलाधिकारी जलालपुर ने बताया कि ऐसे  लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी और मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है।


अनन्या के लिए बढ़े हाथ


सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद स्थानीय सपा व कांग्रेस नेताओं ने बच्ची की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। सपा नेता सिद्धार्थ मिश्रा ने अनन्या की एमए तक कि पढ़ाई का खर्च उठाने का बीड़ा उठाया है। जब कि वरिष्ठ सपा नेता मनोज काका ने 25 हजार नगद देने की बात कही है।

कांग्रेस नियुक्ति जिलाध्यक्ष के. के यादव ने पहुंचकर परिवार जनों से मिले और परिजनो ने बताया कि एक आईएएस अधिकारी के दबाव में ऐसी कार्रवाई की  जा रही, तो वही कांग्रेस नेता ने कहा की इस मामले मे लडाई अब आर पार की लडी जाएगी। उप जिलाधिकारी पवन जायसवाल ने बताया कि घटना को जिस तरीके से उछाला जा रहा है इसमें सत्यता कुछ और ही है जहां से बच्ची अपनी किताब निकाल रही है उस कमरे में कुछ हुआ ही नहीं है केवल इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

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