अंबेडकर नगर। शिक्षक, कवि और मंच संचालक के रूप में साहित्यिक मंचों पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके डॉ. तारकेश्वर मिश्र ‘जिज्ञासु’ को राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था प्रणय साहित्यिक दर्पण द्वारा काव्य धारा सम्मान से अलंकृत किया गया है। यह सम्मान उन्हें ऑनलाइन साप्ताहिक काव्य गोष्ठी में श्रेष्ठ संचालन एवं उत्कृष्ट काव्य प्रस्तुति के लिए संस्था के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ. जिज्ञासु युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। उनका प्रसिद्ध शेर “दुश्वारियों का ज़िक्र क्यों कर रहे हो जिज्ञासु, मेरे हौसलों का इम्तिहान ले चुकी है दुनिया” नई पीढ़ी के लिए हौसले की मिसाल बन चुका है।
काव्य लेखन, कविता वाचन और प्रभावशाली मंच संचालन में माहिर जिज्ञासु अब तक दर्जनों व्यक्तिगत एवं साझा काव्य संग्रह प्रकाशित कर चुके हैं। उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित सम्मान और प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं।
उनके इस सम्मान पर शिक्षकों, कवियों और साहित्यकारों द्वारा बधाई एवं शुभकामनाएं दी जा रही हैं। साहित्यिक जगत में यह उपलब्धि एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में देखी जा रही है।