अंबेडकर नगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एमएलसी डॉ. हरिओम पांडे, अपर जिलाधिकारी डॉ. सदानंद गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष त्र्यंबक तिवारी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार तिवारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ एमएलसी, जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा मां भारती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके उपरांत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाया गया।
कार्यक्रम शुभारंभ के पूर्व विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के संबंध में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के उद्बोधन का लाइव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार में दिखाया गया। विभाजन विभीषिका से संबंधित अभिलेख प्रदर्शनी का भी आयोजन कलेक्ट्रेट परिसर में किया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में उपस्थित समस्त अधिकारी /कर्मचारी, विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओ द्वारा त्रासदी के दौरान प्राणोत्सर्ग करने वाले लोगों की याद में दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के सम्बन्ध में नाटक, भाषण तथा गीत प्रस्तुत किया गया। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई । बच्चों के मनमोहक एवं आकर्षक प्रस्तुतियों पर जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई।
विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के संबंध में जिलाधिकारी अपने उद्बोधन में कहा कि देश का विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत के लाखों लोगों ने बलिदान देकर आजादी प्राप्त की थी, ऐसे समय पर देश का दो टुकड़ों में बँट जाने का दर्द लाखों परिवारों में एक गहरे जख्म की तरह घर कर गया है। इसी समय बंगाल का भी विभाजन हुआ। इसमें बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया था, जो कि सन् 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। भारत के इस भौगोलिक बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा मानसिक रूप से झकझोर दिया था। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ हमें न सिर्फ भेद भाव, वैमनस्य एवं दुर्भावना को खत्म करने की याद दिलायेगा बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की प्रेरणा मिलेगी।
एमएलसी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभाजन विभीषिका मनाने का मूल उद्देश्य-जिन लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। जिन लोगों का नरसंहार हुआ, उन्हें याद करना व नमन करना हैं। विस्थापितों ने जो पीड़ा झेली, उनकी पीड़ा को याद कर सीखने का दिन है। ऐसी त्रासदी देश में दोबारा देखने को न मिलें। देश में रहने वाला हर एक नागरिक इस त्रासदी से परिचित हो। उन्हें भविष्य में ऐसी त्रासदी झेलनी न पड़ें।
भाजपा जिला अध्यक्ष ने अपने संबोधन में बताया कि आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है, ये दिन भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की याद में मनाया जाता है। आज ही के दिन 14 अगस्त 1947 की तारीख को देश के इतिहास में आंसुओं से लिखी गई। यही वह दिन था, जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान तथा 15 अगस्त, 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया।इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किये गये, बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया और बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग करके पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया, जो 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना।
उक्त स्मृति दिवस कार्यक्रम में विभाजन विभीषिका से प्रभावित विस्थापित परिवारों के परिजन भी सम्मिलित हुए तथा उनके द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया इस दौरान प्रभावित परिवार के परिजन समाजसेवी श्री धर्मवीर बग्गा ने विभाजन के दौरान अपने पूर्वजों की स्थिति एवं उससे उनके परिवार पर आने वाली विभीषिका से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के उपरांत विभिन्न विद्यालयों से आए हुए बच्चों एवं सम्मानित नागरिकों द्वारा विभाजन विभिषिका के तत्कालीन घटनाक्रम के फोटो, अखबारों की कराने, साहित्, राजकीय अभिलेख, विस्थापित परिवारों की संरक्षित सामग्री आदि की लगाई की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रियंका तिवारी व डॉ.भावना शर्मा द्वारा किया गया। संपूर्ण व्यवस्था प्रभारी डॉ. शशि शेखर उप जिलाधिकारी न्यायिक टांडा , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कृषि अधिकारी, कलेक्ट्रेट के अधिकारी/ कर्मचारी, अपर जिला सूचना अधिकारी तथा संबंधित विद्यालयों के अध्यापकगण उपस्थित रहे।