अयोध्या। नगर निगम वार्ड के आरक्षण को लेकर वायरल सूची को नगर आयुक्त ने निरर्थक बताया है। उनके अनुसार जिस सूची में किसी अधिकारी का हस्ताक्षर नहीं है। उसका कोई मतलब नहीं है। मामलें में जांच बिठाई गयी है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद कारवाई की जायेगी।
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने कहा कि नगर निगम व नगर पंचायत के जितने भी वार्ड है। चुनाव से पहले उसके आरक्षण की तय प्रक्रिया है। जो रैपिड सर्वे का डेटा आया है उसको देखा जाता है। जो नवसृजित वार्ड है। नवसृजित वार्ड में जनसंख्या में 50 प्रतिशत से उपर जनसंख्या में परिवर्तन हुआ है उसको देखा जाता है। पुराने वार्ड में पहले की आरक्षण श्रेणी देखी जाती है। इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा एक ड्राफ्ट बनाकर शासन को भेजा जाता है। शासन स्तर पर उसे पुनः एनालाईज्ड करके लागू किया जाता है। किसी के द्वारा कोई भी सूची कहीं भेजी जा रही है तो वह निरर्थक है उसका कोई मतलब नहीं है। वायरल सूची जिसमें किसी अधिकारी का कोई साईन नहीं है उसके वायरल होने का कोई मतलब नहीं है। कहीं न कहीं किसी अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा यह किया गया है। जिसमें जांच करके कारवाई करने का आदेश जारी किया गया है।