अंबेडकर नगर। सोमवार को जिले में नाग पंचमी का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। शिव के सबसे प्रिय नाग देवता के इस पर्व में घर घर में महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना की। शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली तो वहीं नागदेव का जगह जगह पूजन किया गया। लोगों ने कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विभिन्न मंदिरों, नदी व जलाशयों के पास पूजा अर्चना कराई। वहीं नदियों वा जलाशयों के किनारे जाकर बहनों द्वारा फेंके गए गुड़िया को भाईयो द्धारा पीटा गया।
नागपंचमी के अवसर पर घर में सुख सम्पन्नता व समृद्धि के लिए सुबह परम्परागत परिधानों में सजी धजी महिलाओं और लड़कियों ने शिवमंदिर पहुंच पूजा अर्चना की। शिवबाबा, शहजादपुर स्थित शिवालय, जौहरडीह मे तमसा नदी के किनारे स्थित शिव मंदिर, टांडा, जलालपुर, आलापुर, बसखारी सहित अन्य स्थानों पर स्थित शिवालय में भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तो ने बेल पत्र, धान का लावा और दूध से नागदेवता का पूजा अर्चना किया गया। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व के संबंध में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पर्व भगवान शिव के गले की शोभा कहे जाने वाले नाग देवता की पूजा का ही है। नाग पूजा भगवान विष्णु और प्रभु शिव से जुड़ी पौराणिक कथाओं पर आधारित है।
लेकिन इसे मनाने का मूल प्रयोजन सर्पों से रक्षा की कामना करना माना जाता है। मान्यता है कि इस मौके पर महिलाएं नागदेवता को दूध और लावा चढ़ा कर पूजा करती हैं। साथ ही घरों में तरह-तरह के पकवान भी बनाए गए थे।