◆ अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट ने सुनाई सजा
अयोध्या। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व पांच अन्य को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास तथा अर्थदण्ड से दंडित किया है। मामला साल 2003 का है मकान में कब्जेदारी के विवाद में दिनदहाड़े दो व्यक्तियों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि मृतक राम सुन्दर पाण्डेय, पहाड़गंज अयोध्या का मकान के स्वामित्व तथा कब्जेदारी को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य हरिपाल वर्मा छतिरवां, पूराकलन्दर से काफी पुराना विवाद था। मकान पर रामसुन्दर का कब्जा है। उसे उन्होंने किराए पर निर्मला मौर्या अपने परिवार के साथ रहती थी। 1 जून 2003 को सुबह मकान पर कब्जा करने की नीयत से हरिपाल वर्मा, गिरीश पाण्डेय, शिवशंकर उर्फ पहाड़ी, श्रीपाल व अन्य सहयोगियों के साथ पहुंचा था। किराएदार का समान निकाल कर फेंकने लगे। राम सुन्दर पाण्डेय के भतीजे ने उन्हे सूचना दी जिस घटना स्थल पर पहुंचे। वहां पहुंचने पर रामसुन्दर पाण्डेय तथा उनके भजीते पिंकू की गोली मारकर हत्या कर दी।
मामले में हरिपाल वर्मा, श्रीपाल, शिवशंकर उर्फ पहाड़ी, लालजी वर्मा, गिरीश पाण्डेय व जगन्नाथ उर्फ लल्लू पर दोष सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी को धारा 147 में तीन माह का कारावास व 15 हजार अर्थ दण्ड, धारा 148 में दो वर्ष का कारावास 25 हजार अर्थदण्ड, 307 में सात वर्ष तथा 40 हजार का अर्थदण्ड, धारा 302 में आजीवन कारावास व एक लाख का अर्थदण्ड व आयुध अधिनियम 25 में तीन साल कारावास तथा 50 हजार अर्थदण्ड से दंण्डित किया गया है। अर्थ दण्ड की धनराशि से 4 लाख रूपये मृतक राम सुन्दर पाण्डेय की पत्नी तथा मृतक विवेक उर्फ पिंकू के माता -पिता को 5 लाख रूपये देने का आदेश न्यायालय ने दिया है।
मामले में दुर्गा प्रसाद, रमेश यादव, सुकई वर्मा, उर्फ राम नरायन, राम शंकर, हरिशचन्द्र वर्मा व शकील को दोष मुक्त किया गया है।