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किछौछा की ऐतिहासिक  रामलीला राजगद्दी व  दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के साथ सम्पन्न

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◆ भरत मिलाप व विसर्जन में निकली झांकियो की चेयरमैन ने उतरी आरती, कार्यकर्ताओं एवं कलाकारों को किया सम्मानित


बसखारी अंबेडकर। राम भरत मिलाप व राजगद्दी के साथ किछौछा की ऐतिहासिक रामलीला का मंचन सकुशलपूर्वक संपन्न हो गया। जिसके बाद शुक्रवार को किछौछा में स्थापित दुर्गा माता की प्रतिमाओं का विर्सजन धूमधाम के साथ शोभायात्रा निकालकर किया गया। रामलीला मंचन के अंतिम दिन राजगद्दी के दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष ओंकार गुप्ता ने रामलीला में उत्कृष्ट सहयोग एवं कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं एवं कलाकारों को सम्मानित कर उनके हौसले को बढ़ाया। वहीं दुर्गा पूजा समितियां के द्वारा काशी से बुलाई गई विशेष टीम के द्वारा महा आरती का कार्यक्रम भी संपन्न किया गया। जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता सहित काफी संख्या में महिला व पुरुष शामिल रहे। इस बार किछौछा बाजार में कुल 17 पंडालों में मां दुर्गा की 17 मूर्तियां स्थापित थी। जिनका विसर्जन ढोल तसो डीजे की धुनो के बीच अबीर गुलाब उड़कर भक्ति मय माहौल में शुक्रवार को किया गया।भरत मिलाप एवं राजगद्दी के दिन नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता ने राम, लक्ष्मण, सीता माता सहित चारों भाइयों एवं हनुमान जी की आरती उतारकर पूजन अर्चन किया। और रामलीला में मंचन करने वाले कलाकारों एवं कार्यकर्ताओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।14 अक्टूबर से शुरू हुए किछौछा के रामलीला में पहले दिन रावण के भगवान भोलेनाथ का तप कर वरदान लेने ,राम जनम, तड़का बध, सीता स्वयंवर, राम विवाह,वन गमन ,सीता हरण,सबरी आश्रम जटायु मिलन ,सुग्रीव  संबाद , कुंभकरण,रावण वध के साथ 14 वर्ष वनवास से लौटने  के बाद अयोध्या में राम भरत मिलाप व राजगद्दी सहित भगवान राम के जीवन काल का सजीव मंचन किया गया। किछौछा में 13 अक्टूबर से शुरू हुए रामलीला व दुर्गा पूजा का महोत्सव का पर्व 27 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के साथ समाप्त हो गया है। वही बसखारी मुख्य बाजार में जारी रामलीला मंचन के दौरान बसखारी के ऐतिहासिक भारत मिलाप की तैयारी भी जोरों पर है।

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